Inzamam-Ul-Haq की गिनती पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाजों में की जाती थी
खास बातें
- 2005 में भारत दौरे पर नहीं आए थे कुछ पाक प्लेयर
- उन्हें लग रहा था, इंजमाम की टीम दौरे में हार जाएगी
- इंजमाम की कप्तानी से हटने पर उनके लिए बनेंगे 'चांस'
Inzamam-Ul-Haq: इंजमाम उल हक की गिनती पाकिस्तान क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाजों और कप्तानों में की जाती थी. इंजमाम (Inzamam-Ul-Haq) उस पाकिस्तानी टीम (Pakistan Cricket Team) के कप्तान थे जिसने वर्ष 2005 में अपनी टीम के साथ भारत का दौरा (Tour of India in 2005) किया था और उस समय की भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के मजबूत होने के बावजूद टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर रखने में कामयाबी हासिल की थी. इंजी ने बताया, 'उनकी कप्तानी में पाकिस्तान टीम को भारत दौरे पर आना था कि हमारी टीम के कुछ प्रमुख प्लेयर्स ने एक खास कारण के चलते भारत आने से इनकार कर दिया था. इसके परिणामस्वरूप उन्हें अपेक्षाकृत कमजोर टीम लेकर ही भारत आना पड़ा था.' इंजमाम के अनुसार, इन प्लेयर्स ने खास इरादे से भारत दौरे पर आने से इंकार किया था. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि इन प्रमुख पाकिस्तानी प्लेयर्स को लगा था कि भारत में यह टेस्ट सीरीज में हारने के बाद मुझे (इंजमाम) को कप्तानी से हटा दिया जाएगा और इस स्थिति में उनके कप्तान बनने की उम्मीद ज्यादा अच्छी हो जाएगी. '
अपने यू-टयूब चैनल पर इंजमाम में बताया कि मेरी टीम के शानदार प्रदर्शन और अल्लाह की दुआ के कारण ऐसा नहीं हो सका. पाकिस्तान ने कोलकाता का दूसरा टेस्ट हारने के बाद बेंगलोर में हुआ तीसरा टेस्ट जीता और सीरीज बराबर रख ली. सीरीज के इस परिणाम ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी मदद की थी. इंजी के अनुसार, सीरीज के अंतर्गत चंडीगढ़ टेस्ट में हम खासे मुश्किल में थे और पाकिस्तान टीम की हार लगभग तय लग रही थी, ऐसे में कामरान अकमल और अब्दुल रज्जाक ने मुश्किल परिस्थितियों में जबर्दस्त बल्लेबाजी की. शुरुआती पांच-छह विकेट सस्ते में गिरने के बाद इन दोनों ने ऐसी साझेदारी की कि पाक टीम इस टेस्ट को ड्रॉ कराने में सफल हो गई. कामरान और रज्जाक के इस प्रदर्शन ने हमारे मनोबल को ऊंचाई दी. मैंने अपने प्लेयर्स से कहा कि जब ये दोनों अच्छी बैटिंग कर सकते हैं तो टॉप ऑर्डर क बल्लेबाज क्यों नहीं? बहरहाल पहले टेस्ट के ड्रॉ परिणाम के बावजूद कोलकाता में हुए दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान हार गया और सीरीज में 0-1 से पिछड़ गया.
इस सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट बेंगलोर में होना था और पाकिस्तान के सामने सीरीज बचाने की चुनौती थी. इंजमाम ने बताया, 'इस टेस्ट के दौरान मुझ पर दबाव इसलिए और बढ़ गया था क्योंकि मेरे 100वें टेस्ट को देखने के लिए मेरे पिता खासतौर पर बेंगलोर आए थे. ' इस टेस्ट में इंजमाम और यूनुस खान ने शतक लगाए. चौथी पारी में बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम बिखर गई और पाकिस्तान ने टेस्ट मैच जीतकर सीरीज बराबर कर ली. इंजमाम ने बताया, 'मेरा 100वां टेस्ट बहुत खास था. बेंगलोर के इस टेस्ट में हमने पहले बल्लेाजी करते हुए पहली पारी में 570 रन बनाए, जवाब में भारतीय टीम 449 रन पर ढेर हो गई. हमने दूसरी पारी में दो विकेट पर 261 रन बनाने के बाद पारी घोषित की. हमारी कोशिश भारत की मजबूत बल्लेबाजी लाइन को दूसरी पारी में आउट करके जीत हासिल करने की थी. हालांकि पाकिस्तान टीम के 'तत्कालीन कोच बॉब वूल्मर पारी घोषित करने के मेरे फैसले से ज्यादा खुश नहीं थे.'
इंजमाम के अनुसार, हमारे पारी घोषित करने के जोखिम ने अपना काम किया. धाकड़ ओपनर वीरेंद्र सहवाग के आउट होते ही सचिन तेंदुलकर सहित सभी भारतीय बल्लेबाज जरूरत से ज्यादा डिफेंसिव मोड में आ गए और आउट होते गए. भारत की उस टीम में वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे जबर्दस्त बल्लेबाज थे, ऐसे में हमारी जीत खास मायने रखती थी. एक तरह से भारत को उसके मैदान पर सीरीज में बराबरी के लिए मजबूर करके हमारी टीम ने खास काम किया था. इसका श्रेय हमारे प्लेयर्स के शानदार प्रदर्शन को जाता है. इस सीरीज ने कप्तानी को लेकर मुझे काफी आत्मविश्वास दिया.
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