श्रीलंका के खिलाफ बेंगलुरू टेस्ट मैच की दोनों ही पारियों में भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत का पुराना, लेकिन बहुत ही स्पष्ट रूप देखने को मिला. दोनों ही पारियो में पंत ने दिए गए रोल के अनुसार ही तीसरे गीयर में बल्लेबाजी की. पहली पारी में तो पंत पचासे से चूक गए थे, लेकिन दूसरी पारी में इस लेफ्टी बल्लेबाज ने इस पर बेहतरीन अंदाज में निशाना साध ही दिया. इसी के साथ ही ऋषभ पंत ने वह कारनामा कर डाला जो उनसे पहले बड़े-बड़े दिग्गज नहीं ही कर सके. या कहें कि कपिल देव और सहवाग ने कारनामा किया तो था, लेकिन अब पंत ने खुद को इनसे ऊपरी पायदान पर बैठा लिया है.
ऋषभ पंत ने पहली पारी में एंबुलडेनिया की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 26 गेंदों पर 7 चौकों से 39 रन बनाए थे. और जब श्रीलंका पहली पारी में बहुत ही सस्ते में ढेर हो गया और भारत को अच्छी-खासी बढ़त भी मिल गयी, तो इसने पंत को दूसरी पारी में और ज्यादा आजादी दे दी और उन्होंने इसे दोनों हाथों से भुनाते हुए श्रीलंकाई बॉलरों की जमकर धुनायी की.
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दूसरी पारी में पंत एकदम टी20 स्टाइल में खेले, जो उन्हें बहुत ही ज्यादा भाता है और उन्होंने 31 गेंदों पर सात चौकों और दो छक्कों से 51 रन की पारी खेली. और इस पारी से उन्होंने वह कर डाला, जो उससे पहले भारतीय क्रिकेट में न ही कपिल देव कर सके और न ही वीरेंद्र सहवगा और न ही इन दोनों के अलावा कोई दूसरा बल्लेबाज. आपको बता दें कि ऋषभ पंत भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम गेंदों पर पचासा जड़ने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. पंत से पहले यह कारनामा कपिल देव ने पाकिस्तान के खिलाफ 1982 में कराची में 30 गेंदों पर, शारदूल ठाकुर ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में 31 गेंदों पर और आतिशी वीरेंद्र सहवाग ने साल 2008 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में किया था.
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लेकिन अब ऋषभ पंत ने इन सभी को एक ही झटके में मात देते हुए रविवार को श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ 28 गेंदों पर अर्द्धशतक जड़कर खुद को इस मामले में नंबर एक पायदान पर बैठा लिया. वहीं, अगर इसी पहलू पर भारतीय धरती पर कारनामे की बात की जाए, तो इसमें पहले नंबर पर शाहिद अफरीदी आते हैं, जिन्होंने साल 2005 में बेंगलुरु में भारत के खिलाफ 26 गेंदों पर अर्द्धशतक जड़ा था, जबकि इयॉन बॉथम ने इसी काम को 28 गेंदों पर किया था, जिसकी बराबरी पंत ने की और भारतीय धरती पर समग्र बल्लेबाजों में खुद संयुक्त रूप से नंबर-2 बना लिया. उनके बाद अर्जुन राणातुंगा का नंबर आता है, जिन्होंने साल 1996 में भारत के खिलाफ 31 गेंदों पर सबसे तेज पचासा जड़ा था.
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