Ind vs Nz: अश्विन का खुलासा, हाल ही में क्यों लगा कि अब कभी भारत के लिए टेस्ट नहीं खेल पाएंगे, video

Ind vs Nz: अश्विन ने स्वीकारते हुए कहा कि पिछले साल वह खुद को दोराहे पर खड़ा पा रहे थे  और उन्हें लगा था कि वह अब कभी आगे भारत के लिए टेस्ट क्रिके नहीं खेल पाएंगे.

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Ind vs nz: ऑफी स्पिनर ने देखते ही देखते अपना कद बहुत ऊंचा कर लिया है
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  • सोमवार को बने थे भारत के तीसरे सबसे सफल बॉवर
  • अश्विन के अब हैं 80 टेस्ट में 419 विकेट
  • अब निशाने पर हैं कपिल देव का रिकॉर्ड
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नयी दिल्ली:

भारत के महानतम स्पिनरों में शुमार हो चुके रविचंद्रन अश्विन ने एक दिन पहले ही सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ तीसरा गेंदबाज बनने की उपलब्धि हासिल की. अश्विन ने हरभजन के 417 के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए करियर के 80वें टेस्ट में यह कारनामा किया, लेकिन यह भी एक सच है कि हालिया सालों में इस गेंदबाज के साथ बड़ा अटपटा सा बर्ताव होता रहा है. ज्यादा नहीं हाल ही में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और उसके बाद इंग्लैंड सीरीज इसका एक अच्छा उदाहरण हैं. बहरहाल, अब अश्विन ने अपने टेस्ट करियर को लेकर बड़ा खुलासा किया है. इस इंटरव्यू को बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है. 

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अश्विन ने स्वीकारते हुए कहा कि पिछले साल वह खुद को दोराहे पर खड़ा पा रहे थे  और उन्हें लगा था कि वह अब कभी आगे भारत के लिए टेस्ट क्रिके नहीं खेल पाएंगे. अश्विन ने बताया कि कैसे उन्हें खासे संघर्ष से गुजरना पड़ा. अश्विन ने कानपुर में शतक जड़ने वाले श्रेयस अय्यर से बातचीत में कहा कि ईमानदारी से कहूं, तो पिछले कुछ सालों में जो मेरे जीवन और करियर में हो रहा है, तो उसे शक था कि मैं आगे टेस्ट क्रिकेट फिर से खेल पाऊगा. यह कोरोनाकाल का समय था और हम लॉकडाउन में थे.  

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अश्विन बोले कि जब हमने पिछले साल फरवरी में शुरुआत की थी, तो मैं क्राइस्टचर्च में भारत के आखिरी टेस्ट में नहीं खेला था.  मैं संशय में था कि मैं फिर से टेस्ट क्रिकेट खेल भी पाऊंगा. सवाल जहन में आ रहे थे कि मेरा करियर किधर जा रहा है? क्या मुझे फिर से टेस्ट टीम में जगह मिलेगी, वगैरह-वगैरह. लेकिन ईश्वर की कृपा रही और अब मैं हालात बदल चुका हूं. उन्होंने कहा कि तब मैं दिल्ली कैपिटल्स में चला गया, जहां आप ही मेरे कप्तान थे और तब से हालात बदल गए हैं.

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ड्रॉ छूटे मैच के बारे में अश्विन बोले कि मैच खत्म होने के बाद भी यह हमारे जहन में है. सच यह है कि हम मैच नहीं जीत सके, जबकि हम इसके बहुत ही नजदीक थे. निश्चित ही, इससे उबर पाना मेरे लिए एक मुश्किल समय है. ऑफ स्पिनर ने कहा कि ऐसा एक बार जमैका में भी हुआ था, जब हम आखिरी दिन मंजिल हासिल नहीं कर सके थे. जब ऐसा  होता है, तो खास तौर पर आखिरी पारी में गेंदबाजी करने वाले मेरे जैसे गेंदबाज के लिए मुश्किल पल होते हैं.
 

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