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इंग्लैंड के खिलाफ 10 टेस्ट मैच में 41 विकेट लेने वाले बुमराह ने एक साक्षात्कार में ‘द गार्जियन' से कहा, ‘मैं बैजबॉल शब्द से जुड़ा हुआ नहीं हूं, लेकिन वे सफल क्रिकेट खेल रहे हैं और आक्रामक रुख अपनाकर विरोधी का सामना कर रहे हैं. इससे दुनिया को पता चल रहा है कि टेस्ट क्रिकेट खेलने का एक और तरीका है.' जुलाई 2022 में बुमराह को ‘बैजबॉल' की झलक तब मिली जब उन्होंने रोहित शर्मा के कोविड-19 के कारण बाहर होने के बाद बर्मिंघम में भारत की कप्तानी की. इस मैच में इंग्लैंड ने आक्रामक रवैया अपनाकर सात विकट से जीत दर्ज की लेकिन इस मुकाबले को स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ एक ही ओवर में बुमराह के 29 रनों के लिए भी याद किया जाता है.
बुमराह ने कहा, ‘एक गेंदबाज के रूप में मुझे लगता है कि यह मुझे खेल में बनाए रखेगा. अगर वे ऐसा करने जा रहे हैं, इतनी तेजी से खेल रहे हैं तो वे मुझे थकाएंगे नहीं, मुझे ढेर सारे विकेट मिल सकते हैं. मैं हमेशा इस बारे में सोचता हूं मैं कैसे चीजों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकता हूं.' भारत की कप्तानी के संदर्भ में इस 30 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा, ‘मैंने एक मैच में ऐसा किया और यह काफी सम्मान की बात थी.'
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी कप्तान के रूप में शानदार प्रदर्शन करने वाले पैट कमिंस से प्रेरणा लेते हुए बुमराह मौका मिलने पर भविष्य में नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा है, कप्तानी करना और भी बेहतर था. हां, हम हार गए लेकिन हम मैच में आगे थे और मुझे जिम्मेदारी पसंद है. कभी-कभी एक तेज गेंदबाज के रूप में आप फाइन लेग पर जाते हैं और सब कुछ भूल जाते हैं लेकिन मुझे प्रत्येक फैसले में शामिल होना पसंद है.'
बुमराह ने कहा, ‘और मौका मिलने पर कौन ऐसा नहीं करना चाहेगा? (कमिंस) ऑस्ट्रेलिया के लिए ऐसा कर रहा है. बहुत सारे तेज गेंदबाजों ने पहले ऐसा नहीं किया है. लेकिन यह एक अच्छा उदाहरण है कि तेज गेंदबाज चतुर होते हैं, वे कड़ी मेहनत करते हैं और वे जानते हैं कि खेल में क्या करना है.' पांच बार की आईपीएल चैंपियन मुंबई इंडियंस के लिए ठोस प्रदर्शन करके भारतीय टीम में जगह बनाने के बावजूद बुमराह टेस्ट क्रिकेट को शीर्ष प्रारूप मानते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं उस पीढ़ी का हूं जहां टेस्ट क्रिकेट राजा है. बुमराह ने कहा, ‘मैं हमेशा इसके (टेस्ट क्रिकेट के) आधार पर अपना मूल्यांकन करूंगा. हां, मैंने आईपीएल से शुरुआत की थी, लेकिन मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के माध्यम से गेंदबाजी करना सीखा. यहीं पर मैंने अपना कौशल निखारा, विकेट लेने की कला विकसित की. टेस्ट क्रिकेट में आपको बल्लेबाज को आउट करना होता है और इससे एक गेंदबाज के रूप में आपको चुनौती मिलती है.' बुमराह ने हालांकि कहा कि सभी प्रारूपों की अपनी जगह है. उन्होंने कहा, ‘सभी प्रारूपों की अपनी जगह है. काफी अधिक टेस्ट क्रिकेट उबाऊ हो सकता है, सफेद गेंद के काफी अधिक क्रिकेट के साथ भी ऐसा ही है. मुझे लगता है कि किसी एक प्रारूप की अधिकता की जगह खेल को सभी कुछ थोड़ा-थोड़ा चाहिए.'