Shubman Gill father Big Statement: भारत और इंग्लैंड के बीच हो रहे पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में शुभमन गिल ने शतक जड़ा है. पहले दिन स्टंप्स तक भारतीय टीम 39 गेंदों में 26 रन बनाकर खेल रहे थे. दूसरे दिन शुभमन गिल ने इसके बाद शानदार प्रदर्शन किया. इस सीरीज में पहली पारी में शतक लगाने के चूके गिल ने दूसरे दिन यह कसर भी पूरी की और उन्होंने शतक ठोका. यह टेस्ट में गिल के बल्ले से आया चौथा शतक है. साल 2021 के बाद से भारत के लिए टेस्ट में सर्वाधिक शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में शुभमन गिल दूसरे स्थान पर है. धर्मशाला में शतक लगाने के साथ ही इस सीरीज में गिल के 400 रन भी पूरे हो चुके हैं. चेतेश्वर पुजारा के टीम से बाहर जाने के बाद से शुभमन गिल तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, लेकिन इस सीरीज की शुरुआत से पहले तक वो इस स्थान पर बल्ले से विफल रहे थे. वहीं अब शुभमन गिल के पिता ने कहा है कि गिल का तीसरे नंबर पर खेलने का फैसला उन्हें पसंद नहीं है.
शुभमन गिल के पहले कोच और पिता लखविंदर ने कहा कि गेंदबाजों को फिर बाहर निकलकर खेलने से वह टेस्ट क्रिकेट में रन बना रहा है लेकिन उन्हें उसका तीसरे नंबर पर खेलने का फैसला पसंद नहीं है. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद शुभमन पर दबाव बढ गया था क्योंकि वह 12 पारियों में अर्धशतक नहीं बना सके थे और आक्रामक खेल नहीं दिखा पा रहे थे. उन्होने विशाखापत्तनम में दूसरे टेस्ट में शतक जमाकर आलोचकों का मुंह बंद किया. सलामी बल्लेबाज से तीसरे नंबर पर उतरने के बाद यह उनकी पहली बड़ी पारी थी.
उनके पिता ने कहा,"बाहर निकलकर खेलने से काफी फर्क पड़ा. वह ऐसा नहीं कर रहा था जिससे दबाव बन गया था. वह अंडर 16 दिनों से स्पिनरों और तेज गेंदबाजों को बाहर निकलकर खेलता आया है." उन्होंने कहा,"जब आप अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेलते हैं तो दिक्कत होती है. पूरा खेल आत्मविश्वास का है. एक बार अच्छी पारी खेलने के बाद आप लय में आ जाते हैं. वह अंडर 16 दिनों से काफी रन बना रहा है."
मोहाली में घर पर होने पर शुभमन को ट्रेनिंग देने वाले लखविंदर ने कहा कि वह तीसरे नंबर पर उतरने के उसके फैसले से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा,'"उसे पारी का आगाज ही करना चाहिये. जब आप ड्रेसिंग रूम में लंबे समय तक बैठते हैं तो दबाव बढता है. तीसरा नंबर ना तो पारी की शुरूआत का है और ना ही मध्यक्रम का. इसके अलावा उसका खेल ऐसा नहीं है. यह क्रम चेतेश्वर पुजारा के अनुकूल है जो रक्षात्मक खेलता है." उन्होंने हालांकि कहा,"मैं उसके फैसलों में दखल नहीं देता. वह इतना बड़ा है कि अपने फैसले ले सकता है. जब वह टीनएजर था, तब मैं उसके फैसले लेता था."
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