रवींद्र जडेजा की फाइल फोटो
खास बातें
- रवींद्र जडेजा को इंजेक्शन पर इंजेक्शन !
- क्या 80 फीसदी भी फिट हो पाएंगे जडेजा ?
- खेले, तो टीम की जरूरत पूरी कर पाएंगे जडेजा?
मेलबर्न: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में ऑफ स्पिनर रवींद्र जडेजा को अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने पर हो रही आलोचनाओं पर अब जाकर अपनी चुप्पी तोड़ी है. जडेजा को पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के लिए 13 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया था. उन्हें अंतिम एकादश से बाहर रखा गया था. हालांकि वह आस्ट्रेलिया की दोनों पारियों में क्षेत्ररक्षण करते हुए नजर आए थे. भारत इस मैच में चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरा था जहां उसे 146 रन से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब मेलबर्न (Melbourne Cricket Ground, Melbourne) में 26 दिसंबर से खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट (AUS vs IND, 3rd Test) से पहले भारतीय कोच रवि शास्त्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब से टीम मैनेजमेंट ही सवालों के घेरे में आ गया गया. सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या रवींद्र जडेजा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रवाना होने से पहले ही चोटिल हो चुके थे. और क्या उनकी चोट को छिपाया गया.
शास्त्री ने हो रही आलोचना पर कहा जब आप लाखों मील दूर बैठे होते हों तो बातें बनाना आसान होता है. जडेजा के साथ समस्या यह थी कि कंधे में जकड़न के कारण ऑस्ट्रेलिया आने के चार दिन बाद उन्होंने इंजेक्शन लिया था. इसका असर होने में कुछ समय लगा. जडेजा को अंतिम एकादश में न खिलाने का खुलासा करते हुए कहा कि उनके (जडेजा) कंधे में उस समय से जकड़न थी जब वह घरेलू क्रिकेट खेल रहे थे और यहां पहुंचने के चार दिन बाद उन्हें इंजेक्शन दिए गए थे. लेकिन आस्ट्रेलिया आने के बाद उन्होंने फिर से यही परेशानी महसूस की और उन्हें इंजेक्शन दिया गया.
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हालांकि कोच का जडेजा पर दिए गए इस बयान से अब यह सवाल उठने लगे हैं कि पूरी तरह से फिट नहीं होने के बावजूद जडेजा को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर क्यों लाया गया. वहीं, दूसरी तरफ बीसीसीआई ने जब पर्थ टेस्ट की पूर्वसंध्या पर फिटनेस बयान जारी किया था तो उसमें भी जडेजा की फिटनेस को लेकर कोई जिक्र नहीं था. कोच ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि जडेजा को चोट से उबरने में उम्मीद से अधिक समय लगा. उन्होंने कहा जडेजा के उबरने में उम्मीद से अधिक समय लगा और हम सतर्कता बरतना चाहते थे.
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शास्त्री ने कहा कि आप यह नहीं चाहते कि पांच या 10 ओवर फेंकने के बाद कोई गेंदबाज बाहर हो जाए. पर्थ के लिए वह 70 से 80 प्रतिशत ही फिट थे, इसीलिए हम उन्हें खिलाने को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते थे. अगर वह यहां (मेलबर्न में) 80 प्रतिशत फिट रहते हैं तो उन्हें टीम में शामिल किया जाएगा. कोच ने कहा कि जडेजा के अलावा मुझे नहीं लगता कि चयन को लेकर और कोई दुविधा थी और अगर ऐसा कुछ था तो यह मेरी समस्या नहीं है.