Gautam Gambhir: रेड बॉल vs व्हाइट बॉल, बतौर कोच किस फॉर्मेट में कैसा है गौतम गंभीर का रिकॉर्ड?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज हारने के बाद क्रिकेट बोर्ड में शीर्ष पदस्थ किसी शख्स ने अनौपचारिक तौर पर वीवीएस लक्ष्मण से पूछा था कि क्या वह टेस्ट टीम के कोच बनने के इच्छुक हैं.

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Gautam Gambhir: बतौर कोच किस फॉर्मेट में कैसा है गौतम गंभीर का रिकॉर्ड?
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  • गंभीर जुलाई 2024 में टीम इंडिया के मुख्य कोच बने थे और तब से टेस्ट में कम जीत हासिल की है.
  • टेस्ट मैचों में उनकी कोचिंग में टीम ने 19 मैच खेले जिनमें केवल 7 में जीत मिली.
  • वनडे और टी20 में गंभीर के कोच बनने के बाद टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया और कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट जीते हैं.
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Gautam Gambhir Record in White Ball vs Red Ball as Coach: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर का रेड बॉल में कोचिंग करियर अनिश्चित नजर आ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज हारने के बाद क्रिकेट बोर्ड में शीर्ष पदस्थ किसी शख्स ने अनौपचारिक तौर पर वीवीएस लक्ष्मण से पूछा था कि क्या वह टेस्ट टीम के कोच बनने के इच्छुक हैं. लक्ष्मण हालांकि बेंगलुरू में उत्कृष्टता केंद्र में क्रिकेट प्रमुख बने रहने में ही खुश हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की मानें तो, गंभीर का बीसीसीआई के साथ करार 2027 वनडे विश्व कप तक है लेकिन ऐसी संभावना है कि इस पर पुनर्विचार किया जाए. यह पांच सप्ताह बाद शुरू हो रहे टी20 विश्व कप में भारत के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. समझा जाता है कि बीसीसीआई के गलियारों में इसे लेकर अभी भी दुविधा है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप 2025-27 सत्र के बाकी नौ टेस्ट के लिये क्या गंभीर को ही कोच बनाये रखना उचित होगा.

रेड बॉल का रिकॉर्ड नहीं अच्छा

गौतम गंभीर ने 09 जुलाई 2024 को बतौर कोच टीम इंडिया का कार्यभार संभाला था. उसके बाद से उनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने 19 टेस्ट खेले हैं, जिसमें टीम इंडिया सिर्फ 7 मैच जीत पाई है जबकि 10 में उसे हार का सामना करना पड़ा है. वहीं दो मैच ड्रा हुए हैं. भारत का जीत-हार का प्रतिशत इस दौरान 0.7 का रहा है. जबकि दो मैच ड्रॉ हुए हैं. 

भारत ने गंभीर के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज, जो घर पर खेली थी, उसमें जीत हासिल की थी. हालांकि, टीम को फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट की सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने इसके बाद ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, जहां टीम को पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में 1-3 से हार मिली थी. इस दौरे पर ब्रिसबेन का मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था. भारत ऑस्ट्रेलिया में मिली हार से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंच पाया था. 

टीम इंडिया ने इस साल जुलाई में इंग्लैंड का दौरा किया था. इंग्लैंड दौरे पर कप्तान शुभमन गिल थे. इस दौरे पर  टीम इंडिया 2 मैच जीती था और दो में उसे हार मिली थी, जबकि एक मैच ड्रॉ हुआ था. भारत को लीड्स और लॉर्ड्स में हार मिली थी.  जबकि टीम ने बर्मिंघम और ओवल में जीत मिली थी. भारत ने इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद और फिर दिल्ली टेस्ट जीता. हालांकि, फिर टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में हार का सामना करना पड़ा. 

व्हॉइट बॉल में नहीं कोई आस-पास भी

बात अगर वनडे की करें तो गंभीर के कोच बनने के बाद बाद से भारत ने 17 वनडे खेले हैं, जिसमें टीम ने 11 जीते हैं और 5 में उसे हार मिली है. भारत ने इस दौरान चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता, जो वर्ल्ड कप के बाद इस फॉर्मेट में आईसीसी का दूसरा सबसे प्रतिष्ठित खिताब है.

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बात अगर टी20 फॉर्मेट की करें तो गंभीर के राहुल द्रविड़ की जगह लेने के बाद टीम ने 34 मैच खेले हैं और 26 में उसे जीत मिली है. भारत ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती. अहम बात यह है कि टीम इंडिया इस दौरान एक भी टी20 अंतरराष्ट्री सीरीज नहीं हारी है. गंभीर के कोच बनने के बाद टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे का दौरा किया था. पांच मैचों की सीरीज के लिए उस दौरान टीम के कोच लक्ष्मण रहे थे.

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