वर्ल्ड कप के बाद फ्लेचर युग का भी होगा अंत

फाइल फोटो

मुंबई:

वर्ल्ड कप के लिए टीम के एलान के साथ ही कोच डंकन फ्लेचर की विदाई का समय भी तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक फ्लेचर वर्ल्ड कप के बाद टीम से अलग हो जाएंगे। हालांकि यहां बीसीसीआई ने उन्हें नहीं हटाया है, बल्कि वह ख़ुद टीम इंडिया का साथ पारिवारिक कारणों से छोड़ रहे हैं।
 
फ्लेचर अपनी पत्नी की ख़राब सेहत को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के बाद टीम इंडिया का कोच पद छोड़ना चाहते थे, लेकिन बीसीसीआई की गुज़ारिश पर वर्ल्ड कप तक रुकने को तैयार हो गए।

2011 में वर्ल्ड कप के बाद फ़्लेचर, गैरी कर्स्टन की जगह टीम इंडिया का कोच बने थे। वैसे टीम इंडिया के कोच के तौर पर उनका क़रार इस साल मार्च में ख़त्म हो गया था, लेकिन बीसीसीआई ने क़रार को मार्च 2015 तक बढ़ा दिया था।

फ्लेचर के कोच रहते हुए टीम इंडिया का टेस्ट में प्रदर्शन काफ़ी ख़राब रहा, ख़ासकर पिछले साल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर। उनकी अगुवाई में भारत ने मेलबर्न टेस्ट से पहले 38 टेस्ट मैच खेला, जिसमें से टीम ने सिर्फ़ 13 में जीत हासिल किया और 17 में हार मिली जबकि 8 मैच ड्रॉ रहे।

वहीं वनडे की बात करें तो खेल के इस फ़ॉमैर्ट में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफ़ी अच्छा रहा है। फ़्लेचर के कोच रहते टीम इंडिया ने 98 वनडे खेल जिसमें से 57 में जीत मिली। टीम इंडिया को 31 में हार का मुंह देखना पड़ा तो 3 मैच टाई रहे और 7 बेनतीजा।

फ्लेचर के कोच रहते भारत का वनडे में सफ़र अच्छा रहा, लेकिन टेस्ट में टीम विदेशी ज़मीन पर मुंह की खाती रही जिसकी जमकर आलोचना भी हुई।

वैसे एक कोच के तौर पर ज़िम्बाब्वे के पूर्व खिलाड़ी का सफ़र काफ़ी अच्छा रहा है। फ्लेचर के बायोडाटा पर नज़र डाले तो उनके कोच रहते इंग्लैड टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है। वह 8 साल तक इंग्लैंड के कोच रहे और टीम की काया पलट दी। इस दौरान साल 2000-2004 में इंग्लैंड टीम ने लगातार 8 टेस्ट सीरीज़ जीत कर इंग्लिश रिकॉर्ड भी बनाया।

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फ्लेचर का सुनहरा दौर 2005 में आया जब इंग्लैंड ने 18 साल बाद ऐशेज़ सीरीज़ जीता लेकिन 2006 में ऐशेज़ हार, फिर वर्ल्ड कप में हार के बाद फ्लेचर को इंग्लैंड के कोच पद से हटा दिया गया।