पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा हमेशा ही अपने विचारों को लेकर खासे मुखर रहे हैं. खासकर जो टीमें अपने तय ओवरो में कोटा पूरा करने में नाकाम रही हैं, उन्हें चोपड़ा लताड़ लगाते रहे हैं. कुछ महीने पहले चोपड़ा ने आईसीसी को सुझाव देते हुए नियमों में कुछ बदलाव करने का सुझाव देते हुए कहा था कि अगर कोई टीम अपने तय समय में ओवर पूरे करने में नाकाम रहती है, तो तीस गज के घेरे के भीतर अतिरिक्त फील्डर को तैनात करने की अनुमति दी जाए. ऐसे में आईसीसी ने चोपड़ा की बात को न केवल सुना और इस पर अमल भी किया. और इस बदले हुए नियम का रविवार को एशिया कप (Asia Cup 2022) में भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के बीच खेले गए मुकाबले में बहुत ही बड़ा अंतर पैदा हुआ.
वास्तव में निर्धारित समय में ओवरों का कोटा पूरा करने की सजा दोनों ही टीमों को मिली और पारी के सत्रवें ओवर के बाद सजा के तौर पर अतिरिक्त फील्डर को तीस गज के घेरे में तैनात करने को मजबूर होना पड़ा. वास्तव में यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे स्लॉग ओवरों में कोई भी कप्तान नहीं चाहेगा क्योंकि इस दौरान बल्लेबाज अंधाधुंध शॉट खेलते हैं. एशिया कप के दूसरे मैच में दोनों ही टीमों को सजा मिली, लेकिन इसका सजा बाबर आजम की टीम को ज्यादा मिली.
आप सोचिए कि आखिरी के तीन ओवरों में भारत को जीत के लिए 32 रन बनाने थे. इन हालात में हार्दिक पांड्या बड़े शॉटों की ओर निहार रहे थे. ऐसे में फील्डर को अंदर बुलाने से बल्लेबाज को मनोवैज्ञानिक फायदा मिला. आप सोचिए अगर इन ओवरों में पाकिस्तान को पांच फील्डर तीस गज के घेरे के बाहर तैनात करने पड़े, तो कौन जानता है कि परिणाम पर इसका असर पड़ता.
बहरहाल, आकाश चोपड़ा ने इस पर कहा कि यह हालिया समय में टी20 क्रिकेट में घटित सर्वश्रेष्ठ बात है. पूर्व ओपनर ने कहा कि अगर आप तय समय में ओवर पूरे नहीं करते, तो तीस गज के घेरे में एक अतिरिक्त फील्डर आ जाएगा. और यह टी20 फौरमेट में हालिया समय में घटित सर्वश्रेष्ठ बात है. ऐसे पलो में एक अतिरिक्त फील्डर बॉलिंग प्लान पर प्रंचंड असर डालता है.
यह है टी-20 फौरमेट में पावर-प्ले नियम
शुरुआती छह अनिवार्य पावर-प्ले ओवरों में केवल दो फील्डर 30 गज के घेरे के बाहर होंगे. पारी के सातवें ओवर से घेरे के बाहर अधिकतम पांच फील्डर होंगे.
नियम से बदलाव
आईसीसी का नया नियम यही है कि अगर निर्धारित समय पर कोई टीम ओवर नहीं फेंक पाती है या ओवर रन-रेट सही नहीं रहता है, तो तीस गज के बाहर फील्डिंग कर रहे पांच में से एक फील्डर को घेरे में तैनात किया जा सकता है, जिसका फायदा बल्लेबाजी करने वाली टीम मिलता है. और इसका पूरा फायदा हार्दिक पांड्या को मिला.
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