Ranji Trophy Debut: प्रतिभा न उम्र की मोहताज होती है और न ही संसाधानों की. बिहार के 12 साल के वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) के बारे में कुछ ऐसा ही कहा जा सका है. वैभव ने उस उम्र में शुक्रवार को रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy 2024) करियर का आगाज किया, जिस उम्र में बच्चे रबर की गेंदों से गली-मोहल्ले में बल्ला भांजा करते हैं. बाएं हाथ के बल्लेबाज वैभव जब शुक्रवार को पटना के मोईन-उल-हक स्टेडियम में मुंबई के खिलाफ फील्डिंग करने मैदान पर उतरे, तो उनकी उम्र सिर्फ 12 साल और 284 दिन थी. और इसी के साथ वैभव ने वह कारनामा कर दिया, जो सचिन तेंदुलकर भी नहीं कर सके थे. इसी के साथ ही वैभव सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी करियर शुरू करने वाले भारत के इतिहास के सिर्फ चौथे क्रिकेटर बन गए हैं.
अलीमुद्दीन हैं इस मामले में अव्वल
जब बात रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी की बात आती है, तो इसमें अलीमुद्दीन का नाम सबसे ऊपर आता है. उन्होंने 1942-43 में सिर्फ 12 साल 73 दिन की उम्र में करियर का आगाज किया था. अजमेर में पैदा हुए अलीमुद्दीन ने उस सीजन में बड़ौदा के महाराज प्रतापसिंह जिमखाना मैदान में राजपुताना के लिए खेला था. दूसरे नंबर पर एसके बोस हैं, जिन्होंने 1959-60 में 12 साल 76 दिन की उम्र में प्रथम श्रेणी करियर का आगाज किया था, तो तीसरे नंबर पर काबिज मोहम्मद रिजवान ने 12 साल 247 दिन की उम्र में 1937 में अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला था.
इस प्रदर्शन से खींचा था ध्यान सेलेक्टरों का
वैभव सूर्यवंशी ने बिहार के लिए कूच बिहार ट्रॉफी (अंडर-19) करियर का आगाज इसी साल किया. और इसी एक मुकाबले में झारखंड के खिलाफ वैभव ने सिर्फ 128 गेंदों पर 151 रन की पारी खेल राज्य चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा. मैच में वैभव ने 22 चौके और तीन छक्के जड़े. इसी मैच की दूसरी पारी में उन्होंने 76 रन बनाए. इसके बाद उन्होंने चार देशों के चतुष्कोणीय टूर्नामेंट में उन्होंने 53, 74, 0 41, और 0 का स्कोर किया था. टूर्नामेंट में इंग्लैंड अंडर-19 और बांग्लादेश अंडर-19 की टीमें भी शामिल थीं.