उत्तराखंड के धराली गांव में पांच अगस्त 2025 को बादल फटने से भारी मलबा आया और कई घर दुकानें बह गईं. 2013 के केदारनाथ हादसे में समय पर सटीक चेतावनी न मिलने के कारण जानमाल का भारी नुकसान हुआ था. भूवैज्ञानिक पीयूष रौतेला ने हिमालयी आपदाओं में समय पर चेतावनी और स्थानीय निगरानी व्यवस्था की जरूरत बताई है.