BCCI ने सुप्रीम कोर्ट से अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए नियमों में संशोधन की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है. जिस पर मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा है कि वो देखेंगे कि मामले की सुनवाई अगले सप्ताह की जा सके. BCCI ने साल 2019 में अपने संविधान में संशोधन के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
इस याचिका में अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों के लिए "कूलिंग ऑफ" अवधि से संबंधित नियमों को बदलने की अनुमति मांग की गई है. साथ ही BCCI के संविधान में अन्य कई संशोधनों की भी मांग की गई है, लेकिन दो साल से मामले की सुनवाई नहीं हुई है. जिसके बाद BCCI ने सर्वोच्च अदालत से जल्द सुनवाई की मांग की है.
गांगुली और शाह ने जब अध्यक्ष और सचिव के रूप में कामकाज संभाला था तब उनके राज्य और राष्ट्रीय इकाई में छह साल के कार्यकाल में केवल नौ माह ही बचे थे. इस बीच BCCI ने 21 अप्रैल 2021 को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर शाह और गांगुली के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की थी. बोर्ड चाहता है कि दोनों का कार्यकाल 2025 तक यानी चार वर्ष तक के लिए बढ़ जाए.
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मौजूदा संविधान के अनुसार अगर किसी पदाधिकारी ने BCCI या राज्य संघ में मिलाकर तीन साल के दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं, तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा.
इस वक्त पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली BCCI अध्यक्ष, जय शाह सचिव, राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष, अरुण सिंह धूमल कोषाध्यक्ष और जयेश जार्ज संयुक्त सचिव हैं.
सुप्रीम कोर्ट के CGI द्वारा मान्य BCCI के संविधान के अनुसार इनमें से कई पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो चुका है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में साल 2020 में दाखिल एक याचिका को आधार बनाकर ये सभी अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं.
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