Nitish Kumar Reddy: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में चौथा टेस्ट मैच में तीन तीन का खेल चुका है. और अभी तक के सफर में खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा चौंकाया है, वह 21 साल के नीतीश रेड्डी (Nitish Redey) हैं. और तीसरे दिन के खेल के बाद दो आंध्र प्रदेश के इस बैटिंग-ऑलराउंडर में इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया. ऑस्ट्रेलिया में नंबर-8 पर बैटिंग करते हुए पहले कोई भी बल्लेबाज वह नहीं कर सका, जो रेड्डी ने नाबाद शतक (105*) जड़कर कर दिखाया. रेड्डी के शतक के मैदान से लेकर कमेंट्री बॉक्स तक भावनाएं अपने चरम पर थीं. खेल खत्म होने के बाद पवेलियन लौट रहे नितीश के एक तरफ स्कवॉयर-लेग दर्शकदीर्घा में बैठकर बेटे को जोर-जोर से आवाज दे रहे थे, तो दूसरी तरफ कमेंट्री बॉक्स में बैठे उनके मेन्टॉर और पूर्व चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद की आंखों से आंसू बह रहे थे.
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चेले नीतीश की पारी के बाद स्टार-स्पोर्ट्स पर बातचीत में कहा, उसके पिता बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहते थे. जब उनकी नौकरी का बाहर ट्रांसफर हुआ, तो उन्होंने नितीश पर ध्यान देने के लिए नौकरी छोड़ दी, लेकिन आर्थिक हालात बहुत विषम हो चले थे और वह शहर छोड़ देने पर विचार कर रहे थे." पूर्व चीफ सेलेक्टर बोले, जब वह पहली बार नितीश को मेरी अकादमी लेकर आए, तो वह 12 साल का था. मैंने उसे नेट पर सिर्फ और सिर्फ 6 गेंद खिलवाईं. इसके बाद मैंने उसके पिता से कहा कि आपको उसकी कोचिंग, पढ़ाई और बाकी किसी भी बात की बिल्कुल भी चिंता करने की जरुरत नहीं है."
एमएसके ने कहा, "उसके बाद नितीश ने अलग-अलग शहरों में अंडर-12, अंडर-14 और अंडर-19 अकादमी में अपनी काबिलियत से लगातार आगे बढ़ते गए. आंध्र प्रदेश क्रिकेट अकादमी ने खुले दिल से युवा क्रिकेट की मदद की. और आज जो कारनामा उन्होंने किया है, मेरा रोम-रोम पुलकित हो उठा है. मेरा वह सपना सच हो गया, जब करीब मैंने 15-18 साल पहले देखा था." इतना कहते-कहते एमएसके प्रसाद की आंखें भर उठीं और उनके आंसू साफ देखे जा सकते थे. इस पर इरफान ने कहा, "अन्ना आपको कुछ कहने की जरुरत नहीं है. आप कुछ बोलें या न बोलें, आपके आंसुओं ने सब बयां कर दिया है"