भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए आज का दिन बेहद खास है. आज ही दिन भारत ने 39 साल पहले 1983 वर्ल्ड कप (1983 World Cup) में प्रभावशाली वेस्टइंडीज को फाइनल में हराकर अपना पहला खिताब जीता था. लॉर्ड्स मैदान में कपिल देव एंड कंपनी (Team India) की इस जीत ने देश में खेल के रुख को हमेशा हमेशा के लिए बदल रख दिया. दो बार की चैंपियन विंडीज टीम को हराकर खिताब जीतने वाले कपिल देव (Kapil Dev) 24 साल और 170 दिन की उम्र में सबसे युवा कप्तान भी बन गए थे.
भारत के पहले वर्ल्ड कप की कहानी किसी सुनहरे सपने के सच होने की तरह है. निचले रैंक वाली टीम इंडिया ने सितारों से सजी वेस्टइंडीज टीम को हराकर अब तक के सबसे बड़े उलटफेर में से एक को रचा था.
इस ऐतिहासिक मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 60 ओवर में सिर्फ 183 रन बनाए थे. विंडीज टीम के लिए 184 का टारगेट देखने में एक आसान सा चेज लग रहा था. लेकिन भारत ने गेंदबाजी से इस मैच को अपनी ओर मोड़ दिया.
एक अच्छी शुरुआत के बाद कैरेबियाई टीम एक समय पर 76/6 के स्कोर पर खड़ी थी. दबाव में आने के बाद विडिंज की पूरी टीम सिर्फ 140 रन ऑल आउट हो गई. भारत ने फाइनल मैच में 43 रन की जीत हासिल इतिहास रच दिया.
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सिर्फ फैंस ही नहीं भारतीय क्रिकेटर्स हर साल इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाते हैं. और टीम इंडिया के उन हीरोज को याद करते हैं जिन्होंने भारत को एक क्रिकेट प्रेमी देश बनाने की शुरुआत की.
सोशल मीडिया के जरिए महान सचिन तेंडुलकर, पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, आईसीसी, बीसीसीआई और सभी आईपीएल टीमों में इस भारतीय टीम के गौरव को याद करते हुए उन्हें सलाम किया.
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