दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश (Delhi Rain) के बाद स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा जलभराव की समस्या के समाधान के लिए पंप लगाने का निर्देश दिया.
उपराज्यपाल कार्यालय के अनुसार, आपात बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि छुट्टी पर गए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत ड्यूटी पर वापस आने के लिए कहा जाना चाहिए और अगले दो महीनों तक कोई छुट्टी मंजूर नहीं की जानी चाहिए.
वीके सक्सेना ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि विभाग प्रमुखों को स्थिति को सामान्य बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने तथा इसकी पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.
उपराज्यपाल ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘यह चौंकाने वाली बात है कि बाढ़ नियंत्रण आदेश और नालों की सफाई का काम, जो 15 जून तक जारी हो जाना चाहिए था और पूरा हो जाना चाहिए था, वह अभी तक लंबित है. बाढ़ नियंत्रण आदेश आमतौर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष समिति की बैठक के बाद जारी किया जाता है, लेकिन यह मंत्री के पास लंबित है.''
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में तैयारियों और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की कमी का भी संज्ञान लिया. उन्होंने अधिकारियों से अगले सप्ताह में आपातकालीन आधार पर गाद निकलवाने का काम शुरू करने को कहा.
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से जलभराव की शिकायतों के लिए आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा. नियंत्रण कक्ष में वरिष्ठ अधिकारी चौबीसों घंटे मौजूद रहेंगे.
सक्सेना ने सिलसिलेवार निर्देशों में एजेंसियों द्वारा कर्मियों की तैनाती के साथ पंप की सहायता लेने, निचले इलाकों में मोबाइल पंप के उपयोग, जलभराव के संबंध में नियमित यातायात परामर्श और बिजली वितरण कंपनियों द्वारा एहतियाती उपाय करने को कहा, ताकि बिजली के खुले तार न हों और शॉर्ट सर्किट की घटनाएं न हों.
अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि वर्षा के स्तर और हथिनीकुंड बैराज से निकलने वाले पानी का आकलन किया जा सके.
उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल ने राजस्व विभाग को भारी वर्षा की स्थिति में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के तहत आपदा प्रतिक्रिया प्रकोष्ठ को सक्रिय करने और मानसून के दौरान किसी भी आपातकालीन उपाय के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की सहायता लेने का निर्देश दिया.
बैठक में दिल्ली जल बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार को उपराज्यपाल ने एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यमुना के डूब क्षेत्र और प्रमुख नालों से सभी प्रकार का मलबा साफ किया जाए.
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