
मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर सवाल किया. कोर्ट ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) को केंद्र सरकार रद्द क्यों नहीं करती. नीट में हमशक्ल होने से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाई गई विभिन्न योजनाओं को पलट देती है, तो वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा या नीट के फैसले को पलट क्यों नहीं देती.
कोर्ट ने पाया कि निजी कोचिंग सेंटरों में जाए बिना नीट उत्तीर्ण करना व मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाना असंभव है. कोर्ट ने कहा कि गरीब छात्र कैसे दाखिला पा सकते हैं, जब सिर्फ धनी वर्ग ही नीट निकाल सकता है.
अदालत के अनुसार, ऐसा कहा गया था कि नीट मेडिकल शिक्षा की लागत को कम करेगा, लेकिन प्रतीत हो रहा कि कोचिंग सेंटरों द्वारा पैसा बनाया जा रहा है.
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