
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के चलते मार्च के महीने से देशभर के तमाम स्कूल और कॉलेज बंद हैं. कोरोनावायरस से पनपे हालात हर गुजरते दिन के साथ गंभीर होते जा रहे हैं. ऐसे में स्कूलों को दोबारा से खोलना शिक्षा मंत्रालय (Union Education Ministry) के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सभी स्टूडेंट्स के माता-पिता की प्रतिक्रियाएं लेने के लिए कहा है कि वे अगस्त, सितंबर या अक्टूबर कब से स्कूलों को फिर से खोले जाने पर सहमत हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) द्वारा भेजे गए सर्क्यूलर में ये भी जानने के लिए कहा गया है कि स्कूलों को फिर से खोलने पर अभिभावकों की स्कूलों से क्या अपेक्षाएं हैं. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों को 20 जुलाई तक इस रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए कहा गया है.
वहीं, कोरोनावायरस के चलते पढ़ाई में हुए नुकसान के मद्देनजर सरकार ने स्टूडेंट्स के हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए जुलाई के पहले सप्ताह में 9वीं से 12वीं क्लास के लिए स्कूल सिलेबस 30 फीसदी कम करने का फैसला किया. सिलेबस को कम करने का मकसद स्टूडेंट्स को प्रेशर को कम करना था.
वहीं, दूसरी ओर पढ़ाई के नुकसान को कम करने के लिए HRD मंत्रालय लगातार ऑनलाइन एजुकेशन (Online Education) को प्रमोट कर रहा है. मानव संसाधन विकास मंत्री ने ऑनलाइन एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाएं, ताकि कोरोनावायरस महामारी के चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई का नुकसान न हो और वे घऱ में रहकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकें.
कोविड-19 के कारण बीते 4 महीने से अधिक समय से स्कूल बंद हैं और कुछ स्कूल नियमित कक्षाओं की भांति ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं. इसके चलते स्क्रीन के सामने बच्चे अधिक समय व्यतीत कर रहे थे. इस को लेकर कुछ अभिभावकों ने अपनी चिंता जाहिर की थी. इसके जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी “प्रज्ञता” नामक दिशा निर्देश में सुझाव दिया गया कि पूर्व प्राथमिक छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि तीस मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए. कक्षा एक से आठ तक के लिए मंत्रालय ने 45-45 मिनट के दो सत्र का सुझाव दिया है और कक्षा 9 से 12 के लिए 30-45 मिनट के चार सत्र का सुझाव दिया गया है.
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