UPSC IAS Mains Exam: जानें- कैसे चुनें सही ऑप्शनल सब्जेक्ट, पढ़ें ये टिप्स

अगर आप UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो जान लें कैसे चुनना है ऑप्शनल विषय. ये रहे टिप्स.

UPSC IAS Mains Exam: जानें- कैसे चुनें सही ऑप्शनल सब्जेक्ट, पढ़ें ये टिप्स

नई दिल्ली:

UPSC IAS Mains Exam: यूपीएससी मेंस के लिए नए पैटर्न में, उम्मीदवार केवल एक ऑप्शनल सब्जेक्ट का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें प्रत्येक में 250 अंकों के दो पेपर होंगे. जैसा कि यूपीएससी के इच्छुक उम्मीदवार कई अकेडमिक बैकग्राउंड से आते हैं. ऐसे में आयोग अपने हितों और अकेडमिक बैकग्राउंड के आधार पर एक ऑप्शनल विषय का चयन करने के लिए उम्मीदवारों के लिए साइंस, कॉमर्स और ह्यूमैनिटीज की विभिन्न शाखाओं से 48 ऑप्शनल विषय प्रदान करता है.

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए सही  ऑप्शनल विषय चुनना एक महत्वपूर्ण कदम है. एक गलत निर्णय न केवल एक रैंक खराब कर सकता है, बल्कि परीक्षा में फेल करवा सकता है.  ऑप्शनल विषय चुनते समय कई महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो इस प्रकार है.

1- अकेडमिक बैकग्राउंड और विषय में रुचि

जनरल स्टडीज (GS) की तैयारी से उम्मीदवार के लिए यह तय करना आसान हो जाता है कि कौन से विषय में उन्हें अधिक रुचि है और वे आसानी से उसे सीख सकते हैं. कुछ उम्मीदवारों का मानना है कि इतिहास काफी आकर्षक विषय है, वहीं कुछ लोगों का मानना है  ये काफी बोरिंग सब्जेक्ट है. ऐसे में GS पेपर सॉल्व करते हुए ध्यान दिया जाए कि किस विषय में आपकी पकड़ मजबूत है.


2- ऑप्शनल सब्जेक्ट से जुड़ी सामग्री

ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनने से पहले, यह सलाह दी जाती है कि उम्मीदवारों को इसकी अध्ययन सामग्री और कोचिंग की उपलब्धता को सत्यापित करना चाहिए. अक्सर यह देखा गया है कि एस्पिरेंट्स एक ऐसे विकल्प का चयन करते हैं जिसमें वे सहज होते हैं लेकिन अध्ययन सामग्री या विषय से संबंधित मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते हैं.

3- देखें पिछले साल के प्रश्न

अभ्यर्थी शॉर्टलिस्ट किए गए ऑप्शनल विषयों के पिछले 3 से 4 साल पुराने प्रश्न देख सकते हैं. आपकी रुचि के स्तर को समझने के लिए और किसी विषय के साथ आप कितने सहज हैं, यह जानने के लिए सभी प्रश्नों को पढ़ें. यह सलाह दी जाती है कि ऐसा आप उन 3- 4 ऑप्शनल विषयों के लिए किया जा सकता है जो आपको लिस्ट से सबसे अधिक लुभाते हैं.

4- टाइम का सही उपयोग

ऑप्शनल पेपर आमतौर पर फाइनल मेरिट लिस्ट में एक उम्मीदवार के स्थान को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए, ऑप्शनल विषय को समय की उपलब्धता के अनुसार चुना जाना चाहिए. एक उम्मीदवार को यह तय करना चाहिए कि वह एक ऑप्शनल विषय का अध्ययन करने में कितना समय दे पाएगा.

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