उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिडडे मील (दोपहर का भोजन) योजना के अंतर्गत एक बेहतरीन प्रयोग किया गया है, जिसके अनुसार स्कूलों को अब अपने खुद के बगीचे बनाने होंगे, ताकि उसमें सब्जियां व फल उगाएं जा सकें. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने प्रत्येक सरकारी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कक्षा आठवीं तक मिलने वाले दोपहर के भोजन में बगीचे में उगाई गई एक सब्जी या फल शामिल करना अनिर्वाय होगा.
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "जब बच्चों को कड़ी मेहनत करके सब्जियां उगाने को कहा जाएगा और बाद में उन्हें वही खाने में परोसी जाएगी, उन्हें उसका स्वाद एकदम अलग प्रतीक होगा, क्योंकि वह उस भोजन के प्रति पहले से ही लगाव विकसित कर चुके होंगे." योजना के पीछे सीधा सा विचार दोपहर के भोजन में पोषक मूल्य को बढ़ावा देना और बच्चों को पौधों, सब्जियों और फलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, जिन विद्यालयों के पास प्र्याप्त भूमि नहीं है वह टेरिस गार्डन, पॉर्ट, कंटेनर और बैग का इस्तेमाल कर के फल और सब्जियां उगा सकते हैं. बगीचे की देखरेख बच्चों को ही करनी होगी, जिसके लिए वह विद्यालय के स्टाफ और शिक्षकों से मदद ले सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा, "मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को प्रतिवर्ष पांच हजार रुपये प्रदान करेगा. हर विद्यालय को क्षेत्र में होने वाले फल सब्जियों को लेकर अपनी योजना इसके लिए प्रस्तुत करनी होगी."
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