up board result 2017 : 54 लाख 66 हज़ार विद्यार्थियों की किस्मत का फैसला आज
आज देश के सबसे बड़े एजुकेशन बोर्ड, यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षा का परिणाम शुक्रवार दोपहर 12 :30 बजे घोषित किया गया. बोर्ड ने रिजल्ट ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया. इस बार 54 लाख 66 हज़ार 531 छात्र छात्राओं ने परीक्षा दी है. इस बार इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में कुल 60 लाख 61 हज़ार 34 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे. इनमे से 5 लाख 94 हज़ार 503 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी.
12वीं में 82.62 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं वहीं, 10वीं में पास होने वाले स्टूडेंट्स 81.6 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं. हाईस्कूल में फतेहपुर की तेजस्वी देवी ने टॉप किया है. वहीं फतेहपुर की ही प्रियंशी तिवारी इंटरमीडिएट परीक्षा में 96.20 प्रतिशत के साथ टॉप पर रही हैं.
16 मार्च से 21 अप्रैल तक चली परीक्षा में कुल 54 लाख 66 हज़ार 531 छात्र छात्राओं परीक्षा में शामिल हुए थे. जिनकी कापियों का मूल्यांकन 27 अप्रैल शुरू होकर 21 मई को पूरा हुआ. खास ये रहा कि परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले यूपी में बनी योगी सरकार के फरमान से नकल में सख्ती रही बावजूद इसके अबकी ज्यादा तो नही फिर भी नकल माफिया सक्रिय रहे.
परिणाम ये रहा कि 5 लाख से अधिक लोगो ने सख्ती की वजह से परीक्षा छोड़ दी. साथ ही नकल कराने के मामले में बड़ी संख्या में स्कूल कालेज परीक्षा कराने में डिबार किये गए जो अब ब्लैक लिस्टेड होने के कारण कोई भी परीक्षा नही कर सकेंगे.
इसके अलावा इस बार 90 प्रतिशत ज्यादा अंक पाने वालों की कापियों दोबारा मूल्यांकन किया गया. जिसको लेकर मूल्यांक करने वाले शिक्षकों ने कापियां जाचने और नम्बर देने में बेहद सतर्कता बरती.
12वीं में 82.62 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं वहीं, 10वीं में पास होने वाले स्टूडेंट्स 81.6 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं. हाईस्कूल में फतेहपुर की तेजस्वी देवी ने टॉप किया है. वहीं फतेहपुर की ही प्रियंशी तिवारी इंटरमीडिएट परीक्षा में 96.20 प्रतिशत के साथ टॉप पर रही हैं.
16 मार्च से 21 अप्रैल तक चली परीक्षा में कुल 54 लाख 66 हज़ार 531 छात्र छात्राओं परीक्षा में शामिल हुए थे. जिनकी कापियों का मूल्यांकन 27 अप्रैल शुरू होकर 21 मई को पूरा हुआ. खास ये रहा कि परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले यूपी में बनी योगी सरकार के फरमान से नकल में सख्ती रही बावजूद इसके अबकी ज्यादा तो नही फिर भी नकल माफिया सक्रिय रहे.
परिणाम ये रहा कि 5 लाख से अधिक लोगो ने सख्ती की वजह से परीक्षा छोड़ दी. साथ ही नकल कराने के मामले में बड़ी संख्या में स्कूल कालेज परीक्षा कराने में डिबार किये गए जो अब ब्लैक लिस्टेड होने के कारण कोई भी परीक्षा नही कर सकेंगे.
इसके अलावा इस बार 90 प्रतिशत ज्यादा अंक पाने वालों की कापियों दोबारा मूल्यांकन किया गया. जिसको लेकर मूल्यांक करने वाले शिक्षकों ने कापियां जाचने और नम्बर देने में बेहद सतर्कता बरती.
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