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This Article is From Oct 29, 2016

लड़कियों को कमतर आंकने से बढ़ता है गणित में लैंगिक अंतर

लड़कियों को कमतर आंकने से बढ़ता है गणित में लैंगिक अंतर
नई दिल्ली: कामयाबी और व्यवहार में लड़कों के बराबर होने के बावजूद शिक्षकों की ओर से लड़कियों को कमतर आंकने की वजह से गणित विषय में लैंगिक फासला बढ़ता है. एक नए शोध में यह बात सामने आई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय के स्तर से लड़के गणित में लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं और यही स्थिति आगे भी बनी रही. यह हालात 1990 के दशक के आखिर में था.

न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर जोसेफ रॉबिन्सन किम्पियन ने कहा, शैक्षणिक क्षेत्र में बदलावों के बावजूद, हमारे शोध में यह बात सामने आई है कि साल 2010 में प्राथमिक विद्यालयी स्तर के बच्चों में लैंगिक स्तर पर अंतर वही था जो 1998 में इसी स्तर पर बच्चों के बीच था. अध्ययन में अमेरिका के लड़के और लड़कियों के विकासात्मक और शैक्षणिक परिणामों पर नजर रखा गया.

शोधकर्ताओं ने 1998-1999 में प्राथमिक विद्यालय में कदम रखने वाले उन लड़के और लड़कियों पर अध्ययन आरंभ किया जिनकी गणित विषय में दक्षता समान थीं, लेकिन तीसरी कक्षा तक पहुंचते-पहुंचते लड़कियां पीछे छूट गईं. लड़के और लड़कियों के बीच का यह अंतर गणित विषय के संदर्भ में अधिक था.

अध्ययन में यह पाया गया कि इस लैंगिक अंतर के लिए छात्रों के प्रति शिक्षकों की धारणा भी जिम्मेदार है. गणित में विषय में प्रदर्शन को लेकर शिक्षक लड़कियों को लड़कों से कम आंकते हैं.

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