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This Article is From Apr 13, 2016

अब महिलाओं और अशक्तों को PhD पूरी करने के लिए मिलेंगे 6 की बजाय 8 साल

अब महिलाओं और अशक्तों को PhD पूरी करने के लिए मिलेंगे 6 की बजाय 8 साल
प्रतीकात्मक तस्वीर
Education Result
शोध के लिए महिलाओं और अशक्तों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नियमों में ढील देते हुए पीएचडी पूरी करने की अवधि को मौजूदा छह साल की बजाय आठ साल कर दिया है। इसके साथ ही एम फिल पूरी करने के लिए अवधि को दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है।

इसके अलावा छात्राओं को अपनी एम फिल और पीएचडी के दौरान 240 दिन तक मातृत्व, बाल देखभाल अवकाश भी मुहैया कराया जाएगा।

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य शोध के क्षेत्र में महिलाओं और अशक्तों का प्रवेश बढ़ाना है। ईरानी ने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकें उनके मंत्रालय की ई पाठशाला पहल पर मुफ्त में उपलब्ध होंगी।

स्कूली छात्रों के इन किताबों के खरीदने में परेशानी का सामना करने की खबरों के मद्देनजर उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए यह कहा।

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