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This Article is From Dec 27, 2016

नए ऑफिस के माहौल में ढलने में आ रही है मुश्किल? ये टिप्स करेंगे आपकी राह आसान

नए ऑफिस के माहौल में ढलने में आ रही है मुश्किल? ये टिप्स करेंगे आपकी राह आसान
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नई जॉब और नए ऑफिस में आपके समक्ष कई चुनौतियां होती हैं. आपसे उम्मीद रहती है कि आप जल्दी से जल्दी ऑफिस के माहौल के मुताबिक ढल जाएं और फटाफट काम सीख लें. ऐसे में नई जॉब का शुरुआती सप्ताह काफी चैलेंजिंग होती है. यहां जानिए कुछ ऐसे टिप्स जो आपकी यह राह आसान बना देंगे. 

नई जॉब में अपनी उम्मीदें कम रखें
नए ऑफिस में आपको चाहिए कि आप अपनी अपेक्षाएं और उम्मीदें कम ही रखें. मसलन अगर आपकी पहले वाली जॉब आरामदेह थी तो यहां उस तरह की उम्मीद न रखें. हमेशा एक्टिव रहें और मेहनत करें. 

पहले ही दिन से सीखने की शुरुआत कर दें 
दिमाग में ये ख्याल बिल्कुल न रखें की आप नए हैं और आपको थोड़ा वक्त लगेगा. पहले ही दिन से सीखने की शुरुआत करें. नई चीजों को जानने के प्रति जुनून पैदा करें. नए ऑफिस में आपको काफी मदद की जरूरत होगी. कई चीजों में अपने से बेहद जूनियरों की भी हेल्प लेनी होगी. इसलिए विनम्र रहें और अपनी भाषा में शालीनता और शिष्टाचार लाएं. गलती होने पर अपने सीनियर से बहस न करें. गलती मानें और दोबारा न दोहराने की बात करें. अच्छे श्रोता बनें क्योंकि नई-नई जॉब में आपका सबसे पहला और बड़ा मकसद सीखना है. 

अनुशासित रहें
अनुशासन किसी भी सफलता की अहम बुनियाद है. इसलिए ऑफिस टाइम पर आएं. किसी भी काम को बेवजह न लटकाएं. वो काम दिए गए समय में पूरा करें. अपने ऑफिस के ड्रेस कोड संबंधी नियमों का पालन करें. आपकी ड्रेस काफी हद तक आपकी पर्सनैलिटी और आपके मिजाज को तय करती है. बहुत से ऑफिसों में ड्रेस को लेकर कोई नियम नहीं होते. लेकिन फिर भी आपको दिनों और माहौल के हिसाब से अपनी ड्रेस पहननी होगी. 

हतोत्साहित करनी वाली बातें न सोचें 
अकसर ऑफिसों में लोग टीम का माहौल ठीक न होने, सैलरी कम होने, परेशान होकर जॉब चेंज करने की बात करते रहते हैं. आप इन बातों पर ध्यान न दें. नकारात्मकता से दूर रहें. हमेशा मेहनत करें. आप नए हैं इसलिए हो सकता है कुछ नए नए प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लेने से कतराएं. लेकिन आपको चाहिए कि नई जिम्मेदारियां को आप पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने हाथ में लें. अपनी कार्यकुशलता और दक्षता प्रदर्शित करने का यही अच्छा मौका होता है.

असहमति व्यक्त करें लेकिन ध्यान से
असहमति व्यक्त करने से पहले बॉस या कलिग के मिजाज को समझें. अगर वह लॉजिकल है तो आपके पास अपनी बात साबित करने के लिए कुछ डाटा और फिगर जरूर होनी चाहिए. और अगर वह भावुक हैं तो आप सकते हैं कि इस कदम से बिजनेस पर बुरा असर पड़ेगा. असहमति व्यक्त करते समय अपनी भाषा और व्यवहार विनम्र रखें. कोई भी चुभने वाला शब्द न बोलें. क्योंकि मुंह से निकले शब्द आप वापस नहीं पाएंगे. आपकी बातें और बॉडी लेंग्वेज दोनों सकारात्मक होने चाहिए. आपनी आवाज की टोन धीमी और नरम रखें. उसमें जरा भी कड़वाहट, गुस्सा और पूर्वाग्रह न हो.

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