
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (Barabanki) जिले के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों (Government Teachers) को उनकी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए निर्धारित कक्षाओं के सामने अपनी सेल्फी भेजने को कहा गया है. शिक्षकों की उपस्थिति चिह्न्ति करने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से बेसिक शिक्षा अभियान (बीएसए) के वेबपेज पर सुबह 8 बजे से पहले तस्वीरें पोस्ट करने को कहा गया है. जो शिक्षक निर्धारित समय तक अपनी सेल्फी अपलोड करने में विफल रहते हैं, उनका एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा. यह प्रणाली गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने से पहले मई में शुरू कर दी गई थी. इसके बाद 700 से अधिक शिक्षकों ने अब तक एक दिन का वेतन खो दिया है.
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह प्रणाली नकारा शिक्षकों के रैकेट को नष्ट करने में मदद करेगी. एक अधिकारी ने कहा, "अगर यह प्रणाली काम करती है, तो हम इसे अन्य जिलों में भी लागू कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने दृढ़ता से कहा है कि शिक्षा प्रणाली में सुधार होना चाहिए और छात्रों की तुलना में हमें शिक्षण मानकों में सुधार करना है." इसके अलावा, स्कूल के समय में सोशल मीडिया साइटों पर सर्फि ग करते हुए पाए गए शिक्षकों को भी वेतन में कटौती का सामना करना पड़ेगा.
बेसिक शिक्षा अधिकारी वी. पी. सिंह ने कहा, "मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री के निर्देश पर सेल्फी लेने और सत्यापित करने की पूरी प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जा रहा है. शिक्षकों को विशेष रूप से कहा गया है कि अगर वे सुबह 8 बजे तक अपनी सेल्फी पोस्ट नहीं करते हैं, तो वे अपने एक दिन का वेतन खो देंगे." हालांकि शिक्षकों ने नए नियम को अनुचित बताया है.
बाराबंकी के राम नगर में स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत एक महिला शिक्षिका ने कहा, "कई बार ट्रैफिक जाम होता है. ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक परिवहन की अनुपलब्धता और खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी. यह सेल्फी पोस्ट करने में देरी का कारण बन सकती है. मैंने एक दिन का वेतन खो दिया है क्योंकि मेरा टैंपो रेलवे क्रॉसिंग पर जाम में फंस गया था."
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