दिल्ली सरकार और दिल्ली सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में गर्मी की छुट्यिों का ऐलान कर दिया गया है. इस बार इन स्कूलों में 11 मई से लेकर 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां घोषित कर दी गईं हैं. आपको बता दें कि इस साल गर्मी की छुट्टियों की शुरुआत और अवधि को लेकर छात्रों, पैरेट्स और टीचर्स के बीच काफी असमंजस था. लॉकडाउन के चलते स्कूल मार्च से ही बंद हैं. पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं.
गर्मियों की छुट्टी की घोषण के साथ ही इस बात का भी आदेश जारी किया गया है कि इन छुट्टियों के दौरान छात्रों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा. दरअसल, गर्मियों की छुट्टियों के दौरान सरकारी स्कूलों में अलग-अलग पढ़ाई और अन्य गतिविधियां भी चला करती थीं.
गौरतलब है कि कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन है. इसके चलते सभी स्कूल मार्च महीने से ही बंद हैं. कोरोनावायरस के खतरे के बीच स्कूल कब और कैसे खुलेंगे इसे लेकर फिलहाल कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं.
वहीं, मानव संसधान विकास मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन्स तैयार की जा रही हैं. लॉकडाउन के बाद जब स्कूल खुलेंगे तो स्कूलों में इन गाइडलान्स का पालन किया जाएगा. अधिकारियों का कहना है किकि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा गाइडलाइन्स बनाई जा रही हैं. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने पिछले सप्ताह राज्य के शिक्षा मंत्रियों के साथ हुई बैठक में सुरक्षा दिशानिर्देशों के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया था.
अधिकारियों ने कहा कि स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. यानी लॉकडाउन के बाद जब भी स्कूल और कॉलेज खोले जाएंगे तो सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. मंत्रालय क्लास में स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन्स जल्द जारी कर सकता है, जो सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बेहद अहम हैं.
मौजूदा समय में स्कूलों में एक क्लास रूम में 30 से 40 स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था की जाती है. ज्यादातर स्कूलों में स्टूडेंट्स सीट या टेबल एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं. कुछ स्कूलों में दो से तीन बच्चे भी टेबल डेस्क शेयर कर लेते हैं.
लेकिन लॉकडाउन के बाद अगर स्कूलों में सामाजिक दूरी बनाई जाती है, तो MHRD को प्रत्येक स्कूल की जगह पर भी ध्यान देना होगा. हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके स्कूलों के लिए उसी तरह कक्षाएं संचालित करना मुश्किल हो सकता है जैसे वे लॉकडाउन से पहले आयोजित की जा रही थीं.
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