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Success Story: 79 की उम्र में कर रहीं MBA, जॉब के साथ-साथ करती हैं पढ़ाई, कैंसर को भी दे चुकी हैं मात

अक्सर लोग एक उम्र के बाद कुछ नया सीखना तो छोड़िए जो काम करते हैं वो भी छोड़कर रिटायर हो जाते हैं. लेकिन कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी होते हैं जो काम करना इतना पसंद करते हैं कि अपनी उम्र भी नहीं देखते हैं.

Success Story: 79 की उम्र में कर रहीं MBA, जॉब के साथ-साथ करती हैं पढ़ाई, कैंसर को भी दे चुकी हैं मात
नई दिल्ली:

Oldest MBA Student: आपने ये कहावत तो सुनी होगी कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती. जब इंसान के अंदर सीखने की क्षमता हो तो उम्र माइने नहीं रखता. इस कहावत को सच कर दिखाया है 79 साल की दादी ने. अक्सर लोग एक उम्र के बाद कुछ नया सीखना तो छोड़िए जो काम करते हैं वो भी छोड़कर रिटायर हो जाते हैं. लेकिन कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी होते हैं जो काम करना इतना पसंद करते हैं कि अपनी उम्र भी नहीं देखते हैं.

खुद को एक वॉरियर कहती हैं उषा रे 

आज सक्सेस स्टोरी की सीरीज में हम बात कर रहे हैं 79 साल की उम्र में जॉब के साथ एमबीए कर रही दादी की, जिन्होंने कमाल कर दिखाया. आज सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. ये दादी पुणे की रहने वाली हैं. इनका नाम उषा रे है. दुनिया की सबसे अधिक उम्र की एमबीए डिग्री हासिल करने वाली महिला बनने वाली हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उषा रे खुद को एक वॉरियर कहती हैं.

दुनिया घूम चुकी हैं

जानकारी के मुताबिक, उषा रे हॉस्पिटल एवं हेल्थकेयर मैनेजेंट में MBA की पढ़ाई की है. डीवाई पाटिल विद्यापीठ सेंटर फॉर ऑनलाइन लर्निंग पुणे से कर रही हैं. इसके साथ ही वह लवी शुभ हॉस्पिटल लखनऊ के अकाउंट्स एवं एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में जॉब भी करती हैं. ये सुनकर हर कोई हैरान है कि इस उम्र में भी इनके अंदर इतनी एनर्जी बची है. 

उषा रे बताती हैं कि पढ़ाने और दुनिया घूमने के बाद मैने एक स्टूडेंट्स के रूप में फिर से पढ़ने का फैसला किया. उनका मानना है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है. घर पर बैठे रहने का कोई मतलब नहीं होता है. जॉब के बाद शाम को खाली होती थी, तो मुझे लगा कि अपना दिमाग क्यों बर्बाद करना साथ में कुछ करना  चाहिए. इसलिए उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल करने का फैसला लिया.

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उषा रे की डिग्री

उषा रे ने 1966 में जूलॉजी में एमससी और 1978 में एमएड किया था. इसके बाद उन्होंने इंडिया के साथ-साथ भारत के बाहर से टीचिंग कोर्स की.साल 2003 में उन्हें स्टेज-4 कैंसर का पता चला. उन्होंने इसे भी दे दिया, लेकिन कुछ साल बाद फिर से कैंसर ने परेशान किया.उन्होंने इस बार भी इसे मात दिया. अगर उषा रे अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी कर लेंगी तो वह एमबीए करने वाली दुनिया की सबसे उम्र दराज महिला बन जाएंगी.

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