कॉलेज की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
राजस्थान के अलवर में इंटरनेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट फॉर माइनॉरिटिज खोला जाएगा. इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने की. गौरतलब है कि इस इंस्टीट्यूट को बनाने की योजना केंद्र की महत्वकांक्षी योजना में से एक है. जिसके तहत देश के अलग-अलग इलाकों में ऐसे ही पांच इंस्टीट्यूट खोलने की तैयारी है. इन इंस्टीट्यूट को बनाने की योजना 2016 में तैयार की गई थी. इसके लिए नकवी की देखरेख में 11 सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई गई थी. इस कमेटी ने माइनॉरिटिज अफेयर्स मिनिस्ट्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद ही इस इंस्टीट्यूट को बनाने की घोषणा की गई.
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नकवी के अनुसार अल्पसंख्यको के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंस्टीट्यूट खोलना केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता में से एक हैं. सरकार ने इस इंस्टीट्यूट के लिए राजस्थान के अलवर में 100 एकड़ जमीन आवंटित की है. इन इंस्टीट्यूट में छात्राओं के लिए 40 फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाएंगी. इसी क्रम में मंत्रालय अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 100 से ज्यादा स्कूल खोलने की भी तैयारी में है. इस साल के अंत तक इनमें से 32 स्कूल शुरू कर दिए जाएंगे.
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इन स्कूलों में भी छात्रों पर विशेष सुविधा दी जाएगी. नकवी के अनुसार अल्पसंख्यकों और खास कर मुस्लिम में शिक्षा का दर स्तर राष्ट्रीय औसत दर से काफी कम है. इस स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार लगातार बेहतर प्रयास कर रही है.
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मुस्लिम लड़कियों में पढ़ाई छोड़ने की दर सबसे ज्यादा है. फिलहाल यह 72 फीसदी है. यह केंद्र सरकार के लिए भी एक चुनौती है और सरकार इसे बेहतर करने के लिए काम कर रही है.
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नकवी के अनुसार अल्पसंख्यको के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंस्टीट्यूट खोलना केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता में से एक हैं. सरकार ने इस इंस्टीट्यूट के लिए राजस्थान के अलवर में 100 एकड़ जमीन आवंटित की है. इन इंस्टीट्यूट में छात्राओं के लिए 40 फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाएंगी. इसी क्रम में मंत्रालय अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 100 से ज्यादा स्कूल खोलने की भी तैयारी में है. इस साल के अंत तक इनमें से 32 स्कूल शुरू कर दिए जाएंगे.
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इन स्कूलों में भी छात्रों पर विशेष सुविधा दी जाएगी. नकवी के अनुसार अल्पसंख्यकों और खास कर मुस्लिम में शिक्षा का दर स्तर राष्ट्रीय औसत दर से काफी कम है. इस स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार लगातार बेहतर प्रयास कर रही है.
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