पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में केंद्र शासित प्रदेश के लिए एनईईटी से पांच साल की छूट की मांग उठाई थी. नारायणसामी ने चेन्नई हवाईअड्डे पर कहा कि चूंकि पुडुचेरी अैर तमिलनाडु, दोनों के ही छात्र सीबीएसई की परीक्षाओं में नहीं बैठे इसलिए उनके लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) को पास करने में ‘मुश्किलें’ हैं.
तमिलनाडु विधानसभा में स्वीकार किए गए, इस परीक्षा से छूट से जुड़े दो विधेयकों के संदर्भ में नारायणसामी ने कहा कि पुडुचेरी ने पहले भी केंद्र के सामने यह मामला उठाया था. इन विधेयकों को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी तौर पर इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और पुडुचेरी को एनईईटी से पांच साल तक की छूट देनी चाहिए.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुद्दा रविवार को दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में उठाए गए मुद्दों में से एक था. अन्य मुद्दों में किसान कल्याण और केंद्र शासित प्रदेश के लिए विकास की योजनाएं शामिल थीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु की तरह केंद्र शासित प्रदेश के किसान भी सूखे से प्रभावित हैं और इसलिए उनकी सरकार ने सहकारी कर्ज माफ कर दिए थे.
उन्होंने कहा कि इसी तरह बैंकों से लिए गए ऋण भी माफ कर दिए जाने चाहिए. उन्होंने इस मामले में केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु की तरह केंद्र शासित प्रदेश के किसान भी सूखे से प्रभावित हैं और इसलिए उनकी सरकार ने सहकारी कर्ज माफ कर दिए थे.
उन्होंने कहा कि इसी तरह बैंकों से लिए गए ऋण भी माफ कर दिए जाने चाहिए. उन्होंने इस मामले में केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की.
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