ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने विश्व प्रसिद्ध संस्थान में कानून की पढ़ाई करने की खातिर भारतीय छात्रों के लिए आज एक नयी छात्रवृत्ति शुरू करने की घोषणा की।
विश्वविद्यालय के सोमरविल कॉलेज में यह छात्रवृत्ति कोर्नेलिया सोराबजी की याद में शुरू की गयी है। कोर्नेलिया सोमरविल में पढ़ने वाली कानून की पहली महिला छात्रा थी और ब्रिटेन के किसी भी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले पहली भारतीय महिला थीं। उन्होंने 1889 में वहां दाखिला लिया था।
कोर्निलिया साथ ही भारत और ब्रिटेन में कानून की प्रैक्टिस करने वाली पहली महिला थीं।
छात्रवृत्ति के तहत पूरे डिग्री के खर्च का 50 प्रतिशत तक वहन किया जाएगा। कुल शिक्षण शुल्क 36,000 पाउंड है जिसमें पढ़ाई एवं रहन सहन का खर्च शामिल है।
कॉलेज इस साल अपनी 150वीं सालगिरह मना रहा है और चंडीगढ़ की रहने वाली दिव्या शर्मा कानून में कोर्नेलिया सोराबजी छात्रवृत्ति हासिल करने वाली पहली छात्रा हैं। वह इस हफ्ते वहां बैचलर ऑफ सिविल लॉ की पढ़ाई शुरू करेंगी।
सोमरविल कॉलेज की प्रोफेसर एलिस प्रोचास्का ने कहा, ‘‘कोर्नेलिया सोराबजी जबरदस्त भावना एवं साहस वाली महिला थीं और उन्होंने (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सहित बहुत सारे भारतीय छात्रों के लिए सोमरविल में एक रास्ता खोला था। भारत हमारे कॉलेज के लिए काफी महत्व रखता है और इस छात्रवृत्ति से और स्नातक छात्रों के उनके पदचिन्हों का अनुसरण करने का रास्ता खुलेगा।’’
विश्वविद्यालय के सोमरविल कॉलेज में यह छात्रवृत्ति कोर्नेलिया सोराबजी की याद में शुरू की गयी है। कोर्नेलिया सोमरविल में पढ़ने वाली कानून की पहली महिला छात्रा थी और ब्रिटेन के किसी भी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले पहली भारतीय महिला थीं। उन्होंने 1889 में वहां दाखिला लिया था।
कोर्निलिया साथ ही भारत और ब्रिटेन में कानून की प्रैक्टिस करने वाली पहली महिला थीं।
छात्रवृत्ति के तहत पूरे डिग्री के खर्च का 50 प्रतिशत तक वहन किया जाएगा। कुल शिक्षण शुल्क 36,000 पाउंड है जिसमें पढ़ाई एवं रहन सहन का खर्च शामिल है।
कॉलेज इस साल अपनी 150वीं सालगिरह मना रहा है और चंडीगढ़ की रहने वाली दिव्या शर्मा कानून में कोर्नेलिया सोराबजी छात्रवृत्ति हासिल करने वाली पहली छात्रा हैं। वह इस हफ्ते वहां बैचलर ऑफ सिविल लॉ की पढ़ाई शुरू करेंगी।
सोमरविल कॉलेज की प्रोफेसर एलिस प्रोचास्का ने कहा, ‘‘कोर्नेलिया सोराबजी जबरदस्त भावना एवं साहस वाली महिला थीं और उन्होंने (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सहित बहुत सारे भारतीय छात्रों के लिए सोमरविल में एक रास्ता खोला था। भारत हमारे कॉलेज के लिए काफी महत्व रखता है और इस छात्रवृत्ति से और स्नातक छात्रों के उनके पदचिन्हों का अनुसरण करने का रास्ता खुलेगा।’’
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