गौतम बुद्ध नगर जिले के शिक्षण संस्थानों को कोविड-19 (COVID-19) वैश्विक महामारी की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान छात्र-छात्राओं से फीस नहीं मांगने के आदेश दिए गए हैं. अगर शिक्षण संस्थाओं ने छात्रों पर फीस के लिए दबाव बनाया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने रविवार को गौतम बुद्ध नगर की सभी शिक्षण संस्थाओं को जारी आदेश में कहा कि पूरा देश महामारी की चपेट में है. कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण बंद लागू है और ऐसे में कोई शिक्षण संस्थान छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से फीस की मांग नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि यदि कोई संस्थान फीस की मांग करता है अथवा इसके लिए अनावश्यक दबाव बनाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जिलाधिकारी ने बताया कि जो शिक्षण संस्थान ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, वे फीस न मिलने पर छात्रों को पढ़ाई से वंचित नहीं रख सकते.
गौरतलब है कि जनपद गौतम बुद्ध नगर में कई नामी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी है. यहां केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों की संख्या ज्यादा है. जिलाधिकारी ने यह आदेश सभी शैक्षिक संस्थाओं के लिए जारी किया है.
वहीं, लखनऊ जिला प्रशासन ने जिले के सभी शैक्षिक संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे बच्चों की एडवांस फीस जमा करने का दबाव माता-पिता पर ना बनाएं.
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने रविवार को जारी आदेश में कहा कि कोविड—19 महामारी के कारण आपातकाल के समय माता-पिता पर फीस जमा करने का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए और किसी भी छात्र -छात्रा को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए और न ही किसी का नाम काटा जाना चाहिए.
प्रकाश ने कहा कि आपातकाल खत्म हो जाने के बाद तिमाही फीस का समायोजन किया जा सकता है और माता पिता को इसकी सूचना दी जानी चाहिए.
जिलाधिकारी ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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