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This Article is From Jul 08, 2020

अंतरराष्ट्रीय छात्रों को लेकर नई नीति नुकसानदायक: अमेरिकी संस्थान और सांसद

एक दिन पहले जारी किए गए इन दिशा-निर्देशों ने विदेशी छात्रों के बीच घबराहट की स्थिति बना दी थी. विदेशी छात्रों में सर्वाधिक संख्या में छात्र भारत और चीन से हैं.

अंतरराष्ट्रीय छात्रों को लेकर नई नीति नुकसानदायक: अमेरिकी संस्थान और सांसद
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा जारी किए गए उन दिशा-निर्देशों की कई कांग्रेस सदस्यों और शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों ने निंदा की है जिनके तहत एफ-1 वीजा पर अमेरिका में रह रहे विदेशी छात्रों को कम से कम एक पाठ्यक्रम ऐसा करना होगा, जिसमें वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रह सकें अन्यथा उन्हें निर्वासित होने के जोखिम का सामना करना होगा. हालांकि विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका में ही रहकर पढ़ने के इच्छुक कई विदेशी छात्रों के पास अब भी ऐसा करने का अवसर है.

दरअसल एक दिन पहले जारी किए गए इन दिशा-निर्देशों ने विदेशी छात्रों के बीच घबराहट की स्थिति बना दी थी. विदेशी छात्रों में सर्वाधिक संख्या में छात्र भारत और चीन से हैं. गृह सुरक्षा समिति के अध्यक्ष बेनी थॉम्पसन, सीमा सुरक्षा संबंधी उप समिति की अध्यक्ष कैथलीन राइस ने संयुक्त बयान में कहा कि नई नीति से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा, अमेरिकी संस्थानों के लिए भी यह नुकसानदायक है तथा यह नीति अमेरिकी सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए भी कुछ काम नहीं आएगी.

दोनों सांसदों ने कहा, ‘‘ट्रंप प्रशासन द्वारा उन विदेशी छात्रों के प्रति जरा भी लचीला रवैया नहीं रखने का कोई उचित कारण नहीं दिखता जो छात्र ‘केवल ऑनलाइन' नीति अपनाने वाले कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी छात्रों का अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अरबों डॉलर का योगदान होता है और उन्हें देश से निकालने से अमेरिकियों को होने वाली आय में नुकसान उठाना पड़ेगा जिसकी उन्हें बहुत आवश्यकता है.''

सांसदों ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति ट्रंप को उनकी आव्रजन-विरोधी सोच को संतुष्ट करने के लिए नौकरियां खत्म करने और बेवजह की परेशानी खड़ी करने की इजाजत नहीं दे सकते. हम उनकी बेपरवाह नीति और देश के विश्वविद्यालयों तथा समुदायों को होने वाली स्थायी क्षति का विरोध करते हैं.''

स्टेनफोर्ड के अध्यक्ष मार्क टेसियर लेविंगने ने चिंता जताई कि इस फैसले से विदेशी छात्रों के लिए जटिलता बढ़ेगी तथा अनिश्चय के हालात बनेंगे. विदेशी छात्रों को वीजा जारी करने वाले विदेश विभाग ने कहा कि यह एक अस्थायी फैसला है.

विभाग ने कहा, ‘‘इसके तहत व्यक्तिगत उपस्थिति वाले तथा कुछ ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के तहत गैर आव्रजक छात्रों के दर्जे के बारे में कुछ आवश्यकताओं को पूरा करना होगा.'' विदेश विभाग ने कहा कि यह अस्थायी व्यवस्था गैर आव्रजक छात्रों को अमेरिका में शिक्षा जारी रखने के लिए और अधिक लचीलापन मुहैया करवाएगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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