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This Article is From Sep 13, 2017

NCERT की बुक्‍स की 1300 कमियों को किया जाएगा दूर

एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने बताया कि एनसीईआरटी की करीब 200 किताबें हैं और इनका प्रकाशन राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 के आधार पर किया गया था. पुस्तकों में कुछ सामग्रियों के बारे में परिषद को शिकायतें मिल रही थी. ऐसे में हमने इनकी समीक्षा करने का निर्णय किया.

NCERT की बुक्‍स की 1300 कमियों को किया जाएगा दूर
राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) शिक्षकों समेत विभिन्न पक्षों के सुझाव के आधार पर अपनी पुस्तकों में 1300 कमियों या त्रुटियों को दूर करके जानकारी अपडेट करने की पहल कर रही है. एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने बताया कि एनसीईआरटी की करीब 200 किताबें हैं और इनका प्रकाशन राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 के आधार पर किया गया था. पुस्तकों में कुछ सामग्रियों के बारे में परिषद को शिकायतें मिल रही थी. ऐसे में हमने इनकी समीक्षा करने का निर्णय किया.

समीक्षा के दौरान एनसीईआरटी को शिक्षकों के 2500 सुझाव प्राप्त हुए और पुस्तको में 1,300 से ज्यादा सामग्री को अपडेट किया गया. अधिकारी ने बताया कि एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित स्कूली टेक्स्टबुक की चल रही समीक्षा के दौरान इन किताबों में 1,300 से ज्याद सामग्री को अपडेट किया गया है.
 एनसीईआरटी ने पुस्तकों में लगातार हो रही गलतियों को देखते हुए पुस्तकों की समीक्षा करने का फैसला लिया क्योंकि उनका कहना है कि सभी पुस्तकें काफी समय पहले लिखी गई थी और अब इन्हें अपडेट करने की जरूरत है.

परिषद से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एनसीईआरटी द्वारा कक्षा पहली से 12वीं कक्षा में संबद्ध सभी विषय क्षेत्रों के लिये विकसित अपनी पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा की गई थी और 30 जून 2017 तक शिक्षकों आदि से सुझाव मांगे गए थे.

अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में सभी राज्यों, संघ शासित प्रदेशों के शिक्षकों के सुझाव आमंत्रित किए गए. ये सुझाव दो तरह से मांगे गए थे. पहला यह बताना था कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक में यदि कोई तथ्यात्मक त्रुटि हो और दूसरा विषय वस्तु या अवधारणा की प्रस्तुति आदि के संबंध में सुझाव हो तो 200 शब्दों में सुझाव दिये जा सकते है.

इससे पहले एनसीईआरटी की 54वीं काउंसिल बैठक में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने किताबों को लेकर एक समीक्षा रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में सिसोदिया ने किताबों के कुछ चैप्टर, प्रेजेंटेशन और भाषा पर आपत्ति जताई थी. काउंसिल बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कई राज्यों के शिक्षा अधिकारी भी मौजूद थे, उस दौरान कई अधिकारियों ने किताबों में बदलाव के बारे में सुझाव दिया था.
 
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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