देश में उच्च शिक्षा संस्थानों का प्रत्यायन करने वाली राष्ट्रीय आकलन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) ने ग्रेडिंग प्रणाली में पूर्ण बदलाव होने तक आवेदन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
मानव संसाधन मंत्रालय ने प्रत्यायन प्रक्रिया में विषय संबंधी शिकायतों तथा फील्ड दौरे के समय प्राध्यापक दलों के कथित कदाचार या भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बाद परिषद को पारदर्शिता, उद्देश्य एवं प्रौद्योगिकी में पारदर्शिता लाने के लिए आकलन व्यवस्था पर दोबारा काम करने का आदेश दिया था.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘‘मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आदेश दिया था कि ग्रेडिंग प्रणाली पर फिर से काम किया जाना चाहिए और इसकी जगह पर एक नयी व्यवस्था लाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोकना जरूरी था.’’ अधिकारी ने बताया ‘‘इस प्रकार, वर्तमान प्रत्यायन के लिए आवेदन लिए जाने पर 31 मार्च से अगली घोषणा तक रोक लगा दी गई है.’’ समीक्षा के बाद प्रत्यायन ढांचे पर 25 अप्रैल को होने जा रही राष्ट्रीय परामर्शक बैठक की अध्यक्षता जावड़ेकर करेंगे. बैठक में 200 से अधिक शिक्षाविद तथा विशेषज्ञों के हिस्सा लेने की संभावना है. समझा जाता है कि दिल्ली में होने वाली इस बैठक में प्रस्तावित बदलावों पर चर्चा होगी.
नए आकलन के अनुसार, संस्थानों को पहले से यह पता नहीं चलेगा कि कौन सा दल उनके यहां आएगा. अधिकारी ने बताया ‘‘प्राध्यापक दल द्वारा संस्थान के आकलन को संस्थान के लिए ग्रेड तय करने में 20 फीसदी महत्व दिया जाएगा जबकि वर्तमान में 100 फीसदी महत्व दिया जाता है. ’’ आवेदन प्रक्रिया जुलाई में नये प्रत्यायन (एक्रेडिएशन) फ्रेमवर्क की शुरूआत के साथ ही जुलाई में बहाल किए जाने की संभावना है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मानव संसाधन मंत्रालय ने प्रत्यायन प्रक्रिया में विषय संबंधी शिकायतों तथा फील्ड दौरे के समय प्राध्यापक दलों के कथित कदाचार या भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बाद परिषद को पारदर्शिता, उद्देश्य एवं प्रौद्योगिकी में पारदर्शिता लाने के लिए आकलन व्यवस्था पर दोबारा काम करने का आदेश दिया था.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘‘मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आदेश दिया था कि ग्रेडिंग प्रणाली पर फिर से काम किया जाना चाहिए और इसकी जगह पर एक नयी व्यवस्था लाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोकना जरूरी था.’’ अधिकारी ने बताया ‘‘इस प्रकार, वर्तमान प्रत्यायन के लिए आवेदन लिए जाने पर 31 मार्च से अगली घोषणा तक रोक लगा दी गई है.’’ समीक्षा के बाद प्रत्यायन ढांचे पर 25 अप्रैल को होने जा रही राष्ट्रीय परामर्शक बैठक की अध्यक्षता जावड़ेकर करेंगे. बैठक में 200 से अधिक शिक्षाविद तथा विशेषज्ञों के हिस्सा लेने की संभावना है. समझा जाता है कि दिल्ली में होने वाली इस बैठक में प्रस्तावित बदलावों पर चर्चा होगी.
नए आकलन के अनुसार, संस्थानों को पहले से यह पता नहीं चलेगा कि कौन सा दल उनके यहां आएगा. अधिकारी ने बताया ‘‘प्राध्यापक दल द्वारा संस्थान के आकलन को संस्थान के लिए ग्रेड तय करने में 20 फीसदी महत्व दिया जाएगा जबकि वर्तमान में 100 फीसदी महत्व दिया जाता है. ’’ आवेदन प्रक्रिया जुलाई में नये प्रत्यायन (एक्रेडिएशन) फ्रेमवर्क की शुरूआत के साथ ही जुलाई में बहाल किए जाने की संभावना है.
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