नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने इस महीने की शुरुआत में मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले छात्रों की नामांकन प्रक्रिया को अमान्य करार दिया है. एनएमसी ने घोषणा की है कि 30 सितंबर के बाद मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले अंडरग्रेजुएट छात्रों को अमान्य माना जाएगा और उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी. एनएमसी ने बयान में कहा कि केंद्रीय अधिकारियों, राज्य प्राधिकरणों और मेडिकल कॉलेजों सहित हितधारकों को यूजी एमबीबीएस पाठ्यक्रमों ( UG MBBS courses) के लिए शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा निर्धारित काउंसलिंग शेड्यूल का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया जाता है. एनएमसी की इस घोषणा के बाद एमबीबीएस में दाखिला ले चुके छात्रों का भाग्य अधर में लटक गया है.
एनएमसी ने कहा, तय डेट से परे उल्लिखित प्राधिकारियों द्वारा की गई कोई भी काउंसलिंग अमान्य मानी जाएगी. ऐसी काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेश पाने वाले छात्रों को तुरंत छुट्टी दे दी जाएगी.'' एनएमसी के इस निर्णय का सबसे ज्यादा असर बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के छात्रों पर पड़ेगा, जहां नीट यूजी 2023 काउंसलिंग कट-ऑफ तिथि के बाद छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला दिया गया. दरअसल बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में नीट यूजी 2023 काउंसलिंग कट-ऑफ तिथि से परे यूजी एमबीबीएस काउंसलिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में आयोजित किया गया था. एनएमसी ने नीट यूजी 2023 कट-ऑफ तारीख 30 सितंबर निर्धारित की थी.
यूजी एमबीबीएस काउंसलिंग आयोजित करने के लिए एनएमसी नीट यूजी कट-ऑफ तारीख 27 जुलाई को घोषित की गई थी. आयोग ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कट-ऑफ तारीख के बाद कोई भी प्रवेश या काउंसलिंग आयोजित करना एनएमसी नोटिस और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा.
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