MSBSHSE ने अभी तक SSC 2017 के परिणाम घोषित करने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एमएसबीएसएचएसई), पुणे के सचिव कृष्ण पाटिल ने एनडीटीवी को बताया है कि माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (SSC) के रिजल्ट की डेट को लेकर जो भी खबरें हैं, वह सब अफवाह हैं. बोर्ड पुनरीक्षण बैठक के बाद SSC के रिजल्ट की डेट पर फैसला लेगा. बैठक का आयोजन जल्द किया जाएगा. बोर्ड ने मई के अंतिम हफ्ते में HSC के परिणाम जारी किए थे.
पाटिल की मानें तो, बोर्ड 17 लाख छात्रों के लिए रिजल्ट जारी करेगा. बोर्ड SSC के परिणामों की घोषणा mahresult.nic.in. पर करेगा. आपको बता दें कि HSC रिजल्ट की घोषणा पिछले हफ्ते की गई थी.
महाराष्ट्र बोर्ड ने कुल 1429478 छात्रों के लिए HSC के परिणाम की घोषणा की. 1431365 छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था. 15121 लड़कियों ने कोंकण डिविजन से परीक्षा पास की है. परीक्षा के लिए कुल 6,36,48 9 लड़कियां उपस्थित हुईं थीं, जिनमें से 592256 ने यह परीक्षा पास की है.
महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं कक्षा में 89.50 विद्यार्थी पास हुए हैं. कोंकण डिविजन का रिजल्ट सबसे अच्छा रहा है. यहां 95.20 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं. वहीं दूसरे स्थान पर 91.40 प्रतिशत रिजल्ट के साथ कोल्हाफुर डिविजन है. 93.05 प्रतिशत लड़कियां पास हुई हैं जबकि 86.65 प्रतिशत लड़के. यानी लड़कियों ने लड़कों को इस बुरी तरह पछाड़ा है.
इस बोर्ड की स्थापना जनवरी, 1966 में महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अधिनियम 1965 के अनुसार की गई थी. वर्ष 1976 में पारित अधिनियम में बोर्ड का नाम माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कर दिया गया था.
पाटिल की मानें तो, बोर्ड 17 लाख छात्रों के लिए रिजल्ट जारी करेगा. बोर्ड SSC के परिणामों की घोषणा mahresult.nic.in. पर करेगा. आपको बता दें कि HSC रिजल्ट की घोषणा पिछले हफ्ते की गई थी.
महाराष्ट्र बोर्ड ने कुल 1429478 छात्रों के लिए HSC के परिणाम की घोषणा की. 1431365 छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था. 15121 लड़कियों ने कोंकण डिविजन से परीक्षा पास की है. परीक्षा के लिए कुल 6,36,48 9 लड़कियां उपस्थित हुईं थीं, जिनमें से 592256 ने यह परीक्षा पास की है.
महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं कक्षा में 89.50 विद्यार्थी पास हुए हैं. कोंकण डिविजन का रिजल्ट सबसे अच्छा रहा है. यहां 95.20 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं. वहीं दूसरे स्थान पर 91.40 प्रतिशत रिजल्ट के साथ कोल्हाफुर डिविजन है. 93.05 प्रतिशत लड़कियां पास हुई हैं जबकि 86.65 प्रतिशत लड़के. यानी लड़कियों ने लड़कों को इस बुरी तरह पछाड़ा है.
इस बोर्ड की स्थापना जनवरी, 1966 में महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अधिनियम 1965 के अनुसार की गई थी. वर्ष 1976 में पारित अधिनियम में बोर्ड का नाम माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कर दिया गया था.
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