जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (JNU Teacher's Association) के अध्यक्ष डीके लोबियाल ने बताया है कि वे जल्द से जल्द विश्वविद्यालय में हालात सामान्य किए जाने के पक्ष में हैं. सभी टीचर पुन: अपने शैक्षणिक कार्य पर भी लौटना चाहते हैं. हालांकि इसके लिए शिक्षकों ने कुलपति एम जगदीश कुमार को बर्खास्त करने की शर्त रखी है. बुधवार को विश्वविद्यालय पहुंचे JNU के कई छात्रों ने निर्णय लिया कि वे बीते सत्र में हुई पढ़ाई की परीक्षा में शामिल होंगे लेकिन फिलहाल नए सत्र की कक्षाओं में नहीं बैठेंगे. बीते मानसून सत्र के लिए यह छात्र जनवरी माह में ही परीक्षाएं चाहते हैं. छात्रों का यह भी कहना है कि 5 जनवरी को ही हिंसा व कुलपति के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब कानूनी विकल्प चुना जाना चाहिए.
उधर जेएनयू के डीन व विशेष शिक्षा केंद्रों के प्रमुखों ने छात्रों एवं अध्यापकों से विश्वविद्यालय के कार्यो में सहयोग की अपील की है. इस अपील में कहा गया कि सभी छात्र व शिक्षक ऐसी कोई गतिविधि न करें जिससे विश्वविद्यालय के कार्यो में कोई रुकावट आए. जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने इस पूरी स्थिति के लिए छात्रों एवं शिक्षकों के छोटे समूह को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि केवल कुछ छात्र और कुछ शिक्षक मिलकर जेएनयू में यह स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं. ये छात्र व शिक्षक अन्य सभी बच्चों की पढ़ाई में बाधा डाल रहे हैं.
गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ यहां विश्वविद्यालय में फीस व हॉस्टल चार्जेस बढ़ाए जाने का विरोध कर रहा है. फीस व हॉस्टल चार्ज वृद्धि को लेकर यह छात्र लगभग ढाई महीने से हड़ताल पर हैं. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ऐलान कर चुके हैं कि फिलहाल बढ़ी हुई फीस नहीं वसूली जाएगी. निशंक के मुताबिक इसकी भरपाई यूजीसी करेगा, लेकिन छात्र पूरी तरह फीस वृद्धि वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.
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