नई दिल्ली:
एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में ‘‘भारी’’ सीट कटौती के खिलाफ छात्र संघ के लगातार प्रदर्शन के बीच जेएनयू प्रशासन ने अपने कुछ केंद्रों एवं स्कूलों में पीएचडी की कुछ सीटें बढ़ा दी हैं. सूत्रों ने बताया कि बढ़ी हुई ये सभी सीटें विज्ञान विषयों के केंद्रों एवं स्कूलों के तहत आती हैं जबकि समाज विज्ञान, कला एवं सौंदर्यशास्त्र और भाषा साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन में कोई सीट नहीं बढ़ायी गयी है.
जेएनयूएसयू और एबीवीपी सहित छात्र संगठनों ने कहा कि गणना में सुधार के बाद ये सीटें बढ़ायी गयी हैं जबकि वास्तव में सीटों में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
विभिन्न केंद्रों एवं स्कूलों में सीटों की संख्या में बदलाव का जेएनयू के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित ‘शुद्धिपत्र’ में उल्लेख किया गया है.
जेएनयू में एबीवीपी नेता ने कहा, ‘‘ऐसा अधिकतर विज्ञान विषयों के पाठ्यक्रमों में हुआ है और संभवत: यह रिक्तियों की फिर से गणना के चलते हुआ है जिसमें सुधार के बाद 48 सीटों का इजाफा हुआ है.’’ जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडे ने कहा कि हालिया बदलाव के बाद सीटों की संख्या के बारे में आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा की जा रही है.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
जेएनयूएसयू और एबीवीपी सहित छात्र संगठनों ने कहा कि गणना में सुधार के बाद ये सीटें बढ़ायी गयी हैं जबकि वास्तव में सीटों में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
विभिन्न केंद्रों एवं स्कूलों में सीटों की संख्या में बदलाव का जेएनयू के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित ‘शुद्धिपत्र’ में उल्लेख किया गया है.
जेएनयू में एबीवीपी नेता ने कहा, ‘‘ऐसा अधिकतर विज्ञान विषयों के पाठ्यक्रमों में हुआ है और संभवत: यह रिक्तियों की फिर से गणना के चलते हुआ है जिसमें सुधार के बाद 48 सीटों का इजाफा हुआ है.’’ जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडे ने कहा कि हालिया बदलाव के बाद सीटों की संख्या के बारे में आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा की जा रही है.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
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