अमेरिका में भारतीय दूतावास ने कहा कि एफ-1 वीज़ाधारक कुछ विदेशी छात्रों के लिए वीज़ा संबंधी नए दिशानिर्देश ‘अनिश्चितता और मुश्किलें पैदा' करने वाले हो सकते हैं. इस दिशा-निर्देशों के मुताबिक विदेशी छात्रों को कम से कम एक पाठ्यक्रम ऐसा लेना होगा, जिसमें वह व्यक्तिगत रूप से कक्षा में उपस्थित रह सकें, अन्यथा उन्हें निर्वासित होने के जोखिम का सामना करना होगा. भारतीय दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ऐसे वक्त में, जब अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने नए अकादमिक वर्ष के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा नहीं की है, तो इन नए दिशानिर्देशों से अमेरिका में अपनी पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक कुछ भारतीय विद्यार्थियों के लिए अनिश्चितता के हालात बन सकते हैं और मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.''
सवालों के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार ने अमेरिका के संबंधित अधिकारियों के समक्ष इस मामले को उठाया है. सात जुलाई को भारत-अमेरिका विदेश कार्यालय विचार गोष्ठी में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री डेविड हेल के समक्ष भारत की चिंताओं को उठाया.
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल जनवरी में अमेरिका के विभिन्न अकादमिक संस्थानों में 1,94,556 भारतीय छात्रों ने पंजीकरण कराया. इनमें से 1,26,132 पुरुष और 68,405 महिलाएं हैं. प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि अमेरिकी अधिकारी कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय छात्रों के लिए अपने वीजा नियमों में पर्याप्त नरमी दिखाएंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं