कोलकाता:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के विद्यार्थियों का एक समूह भारतीय हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर एक देसी ड्रोन का विकास कर रहा है. ड्रोन का विकास संस्थान के एरियल रोबोटिक्स खड़गपुर (एआरके) की पहल पर किया जा रहा है. इसका विकास सेंटर फॉर एक्सिलेंस इन रोबोटिक्स में तथा वित्तपोषण संस्थान के स्पॉन्सर्ड रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल कंसल्टेंसी (एसआरआईसी) द्वारा किया जा रहा है.
केंद्र को 12 परियोजनाओं के लिए संस्थान से पांच करोड़ रुपये तक की राशि मिली है.
पहल का नेतृत्व कर रहे गणित विभाग के सोमेश कुमार ने कहा, "एआरके की पहल के तहत ड्रोन का विकास किया जा रहा है, जो स्वत: व जीपीएस डेनाइ एन्वायरन्मेंट में उड़ने में सक्षम होगा तथा मोबाइल ग्राउंड रोबोट से इसे ट्रैक किया जा सकेगा."
कुमार ने कहा, "एआरके पहल का उद्देश्य स्वदेशी हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ड्रोन का विकास करना है. तलाशी व बचाव अभियान में इनका कई तरह से इस्तेमाल होता है."
ड्रोन का विकास कर रहे विद्यार्थियों के समूह ने सितंबर महीने में चीन के बीजिंग में इंटरनेशनल एरियल रोबोटिक्स कंपीटिशन में हिस्सा लिया था.
एशिया प्रशांत क्षेत्र से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाला भारत एकमात्र देश था.
केंद्र को 12 परियोजनाओं के लिए संस्थान से पांच करोड़ रुपये तक की राशि मिली है.
पहल का नेतृत्व कर रहे गणित विभाग के सोमेश कुमार ने कहा, "एआरके की पहल के तहत ड्रोन का विकास किया जा रहा है, जो स्वत: व जीपीएस डेनाइ एन्वायरन्मेंट में उड़ने में सक्षम होगा तथा मोबाइल ग्राउंड रोबोट से इसे ट्रैक किया जा सकेगा."
कुमार ने कहा, "एआरके पहल का उद्देश्य स्वदेशी हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ड्रोन का विकास करना है. तलाशी व बचाव अभियान में इनका कई तरह से इस्तेमाल होता है."
ड्रोन का विकास कर रहे विद्यार्थियों के समूह ने सितंबर महीने में चीन के बीजिंग में इंटरनेशनल एरियल रोबोटिक्स कंपीटिशन में हिस्सा लिया था.
एशिया प्रशांत क्षेत्र से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाला भारत एकमात्र देश था.
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