कोलकाता: आईआईटी खड़गपुर कल युवा अन्वेषकों के कार्यक्रम (वाईआईपी) के अंतिम दौर की मेजबानी करेगा, जिसमें देशभर से आए हाई स्कूल के छात्र दुनिया की समस्याओं के समाधान कैसे करें, विषय पर अपनी अपनी परियोजना को प्रदर्शित करेंगे. अप्रैल में शुरू हुआ वाईआईपी आठवीं से 10वीं कक्षा के छात्रों में वैज्ञानिक उत्साह भरने, दुनियाभर में होने वाली समस्याओं के समाधान का मूलमंत्र देने के साथ उनके युवा मन मस्तिष्क को बढ़ावा देने का एक मंच है.
दो चरणों के निष्कासन दौर के बाद चुने गये करीब 24 स्कूली दल कल से आईआईटी खड़गपुर परिसर में शुरू हो रहे दो दिवसीय अंतिम दौर तक पहुंचे हैं. ये छात्र दुनियाभर में होने वाली समस्याओं का संभावित समाधान कर सकने में सक्षम वर्किंग मॉडल, डायग्राम या एनिमेशन के रूप में वैज्ञानिक नवोन्मेष के साथ प्रदर्शन करेंगे.
कार्यक्रम का आयोजन कर रहे आईआईटी-खड़गपुर की ब्रांडिंग एंड रिलेशंस सेल की महासचिव सिमरन गर्ग ने बताया, ‘वाईआईपी छात्रों में यह समझ पैदा करता है कि किस तरह से एक विचार को हकीकत प्रदान करते हुए किसी उत्पाद को वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल के लिये परिवर्तित किया जा सकता है और यह बेहतरीन विचारों तथा उनकी व्यावहारिकता के बीच के अंतर को पाटने में मदद कर सकता है.’
दो चरणों के निष्कासन दौर के बाद चुने गये करीब 24 स्कूली दल कल से आईआईटी खड़गपुर परिसर में शुरू हो रहे दो दिवसीय अंतिम दौर तक पहुंचे हैं. ये छात्र दुनियाभर में होने वाली समस्याओं का संभावित समाधान कर सकने में सक्षम वर्किंग मॉडल, डायग्राम या एनिमेशन के रूप में वैज्ञानिक नवोन्मेष के साथ प्रदर्शन करेंगे.
कार्यक्रम का आयोजन कर रहे आईआईटी-खड़गपुर की ब्रांडिंग एंड रिलेशंस सेल की महासचिव सिमरन गर्ग ने बताया, ‘वाईआईपी छात्रों में यह समझ पैदा करता है कि किस तरह से एक विचार को हकीकत प्रदान करते हुए किसी उत्पाद को वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल के लिये परिवर्तित किया जा सकता है और यह बेहतरीन विचारों तथा उनकी व्यावहारिकता के बीच के अंतर को पाटने में मदद कर सकता है.’
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