नई दिल्ली:
पीएचडी और एमफिल में एडमिशन के मापदंडों के संबंध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जिन लोगों को शिकायत है, उनसे वह मिलने के लिए तैयार हैं.
प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पीएचडी में दाखिले के लिए यूजीसी ने जो भी नियम बनाए हैं वो विश्वभर में स्वीकृत नियम हैं और 799 विश्वविद्यालयों में बिना शिकायत के लागू किया जा चुका है. अगर एक विश्वविद्यालय के लिए समस्या है, तो मैं हमेशा किसी से भी मिलने को तैयार हूं. हालांकि, उन्होंने कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने उनसे मुलाकात का समय नहीं मांगा है.
जेएनयू ने लिया था ये फैसला
छात्रों के प्रदर्शन के बाद जेएनयू ने फैसला किया था कि एफफिल और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए दाखिला नीति में प्रवेश परीक्षा को 80 प्रतिशत और साक्षात्कार को 20 प्रतिशत वेटेज देना जारी रखा जाएगा.
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प्रशासन ने छात्रों को आश्वासन दिया कि पक्षों के साथ बातचीत चल रही है और भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों से अपील की कि वे तत्काल अपना उपवास तोड़ें और विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करें.
इस बीच, जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने संचालन समिति की बैठक के ब्योरे की पुष्टि किए बिना वक्तव्य जारी किया है और गलत तथ्य पेश किए गए हैं और वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पीएचडी में दाखिले के लिए यूजीसी ने जो भी नियम बनाए हैं वो विश्वभर में स्वीकृत नियम हैं और 799 विश्वविद्यालयों में बिना शिकायत के लागू किया जा चुका है. अगर एक विश्वविद्यालय के लिए समस्या है, तो मैं हमेशा किसी से भी मिलने को तैयार हूं. हालांकि, उन्होंने कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने उनसे मुलाकात का समय नहीं मांगा है.
जेएनयू ने लिया था ये फैसला
छात्रों के प्रदर्शन के बाद जेएनयू ने फैसला किया था कि एफफिल और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए दाखिला नीति में प्रवेश परीक्षा को 80 प्रतिशत और साक्षात्कार को 20 प्रतिशत वेटेज देना जारी रखा जाएगा.
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प्रशासन ने छात्रों को आश्वासन दिया कि पक्षों के साथ बातचीत चल रही है और भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों से अपील की कि वे तत्काल अपना उपवास तोड़ें और विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करें.
इस बीच, जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने संचालन समिति की बैठक के ब्योरे की पुष्टि किए बिना वक्तव्य जारी किया है और गलत तथ्य पेश किए गए हैं और वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
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