दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से स्पष्ट करने को कहा कि क्या विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं (University Final Year Exams) बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQ), खुले विकल्प, असाइनमेंट और प्रस्तुतिकरणों (Presentations) के आधार पर कराई जा सकती हैं. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने यूजीसी (UGC) से अप्रैल में जारी उसके दिशानिर्देशों का महत्व बताने को कहा, जिनमें किसी कॉलेज द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले तरीके का उल्लेख है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख तय की है.
यूजीसी (UGC) ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि दिशानिर्देश अंतिम वर्ष के परीक्षार्थियों के आंतरिक मूल्यांकन की अनुमति नहीं देते क्योंकि इससे प्रणाली की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है. उच्च न्यायालय दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के परीक्षार्थियों के लिए खुली किताब आधारित परीक्षा (Open Book Exams) कराने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
इस तरह की परीक्षा में लंबा समय लगता है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने दलील दी कि वे ऑनलाइन परीक्षाएं करा रहे हैं क्योंकि यूजीसी (University Grants Commission) के दिशानिर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराना अनिवार्य है.
यूजीसी ने हाल ही में ये दावा किया था कि कुल 755 विश्वविद्यालयों ने आयोग को परीक्षाएं आयोजित कराने की स्थिति के बारे में सूचित किया है. यूजीसी ने कहा कि इन 755 विश्वविद्यालयों में से 321 राज्य विश्वविद्यालय, 274 निजी, 120 डीम्ड और 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय थे. इनमें से कुल 566 विश्वविद्यालयों ने पहले ही अपनी परीक्षा आयोजित कर ली हैं या अगस्त या सितंबर में आयोजित करने की योजना बना रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं