विज्ञापन
This Article is From Jul 03, 2017

छात्रों के सीखने-समझने की क्षमता का आकलन करने वाली प्रणाली भारत में शुरू

सीखने-समझने में आ रही दिक्कतों की पहचान करने और छात्रों को उनका शैक्षणिक कौशल सुधारने में मदद करने वाली एक वैश्विक प्रणाली की शुरूआत भारत में हुई है.

छात्रों के सीखने-समझने की क्षमता का आकलन करने वाली प्रणाली भारत में शुरू
सीखने-समझने में आ रही दिक्कतों की पहचान करने और छात्रों को उनका शैक्षणिक कौशल सुधारने में मदद करने वाली
एक वैश्विक प्रणाली की शुरुआत भारत में हुई है.

अंग्रेजी भाषा स्कूल पाठ्यक्रम सामग्री के अग्रणी प्रकाशक मैक्मिलन एजुकेशन ने भारतीय उप-महाद्वीप में आईसीएएस
कार्यक्रम की शुरुआत की है.

एक स्वतंत्र कौशल आधारित मूल्यांकन परीक्षा आईसीएएस ऑस्ट्रेलिया की यूनिवसर्टिी ऑफ न्यू साउथ वेल्स की पहल है.

यह एक ऐसा जरिया है जिससे अभिभावकों और शिक्षकों को अपने छात्रों की काबिलियत के बारे में जानने में मदद मिलेगी. वे इससे छात्रों की तर्क-क्षमता, सोचने की क्षमता और मुश्किलें हल करने की क्षमता के बारे में जान सकते हैं.

अभी 20 से ज्यादा देशों में 14,500 स्कूल आईसीएएस में भागीदारी करते हैं और 89 लाख से ज्यादा छात्रों का मूल्यांकन
इसके द्वारा किया जाता है.

मैक्मिलन एजुकेशन इंडिया के निदेशक यश मेहता ने बताया, विभिन्न शिक्षा बोर्डो में वर्तमान परीक्षाएं स्कूली पाठ्यक्रम पर आधारित हैं. मूल्यांकन से चार स्तरों - छात्रों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यो और सरकार- पर हितधारकों को फायदा होगा.


(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
ICAS, Global Assessment Test, आईसीएएस, कौशल आधारित मूल्यांकन परीक्षा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com