इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-आई) के प्रमुख पाठ्यक्रम पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट में छात्राओं की तादाद में पिछले साल के मुकाबले 3.5 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है. इस पाठ्यक्रम के नए बैच में हर 100 विद्यार्थियों पर 42 छात्राएं हैं जिसे लैंगिक विविधता के लिहाज से अहम माना जा रहा है. आईआईएम-आई की एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि इस वर्ष संस्थान के पीजीपी पाठ्यक्रम के 476 विद्यार्थियों के बैच में 199 छात्राएं और 277 छात्र हैं. यानी इस पाठ्यक्रम के नए बैच में छात्राओं की तादाद 42 प्रतिशत है. प्रवक्ता ने बताया कि पिछले वर्ष आईआईएम के इंदौर परिसर के पीजीपी पाठ्यक्रम के 451 विद्यार्थियों के बैच में 174 छात्राएं और 277 छात्र थे. यानी बैच में करीब 38.5 प्रतिशत छात्राएं थीं. आईआईएम-आई प्रशासन ने संस्थान के प्रमुख पाठ्यक्रम में लैंगिक विविधता बढ़ने पर प्रसन्नता जतायी है.
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने कहा, "हमारे पीजीपी पाठ्यक्रम में विद्यार्थी लिंगानुपात बढ़ने से कक्षाओं में वैचारिक विविधता में भी इजाफा होगा. इससे अध्ययन-अध्यापन को लेकर समग्र दृष्टिकोण विकसित होगा जो प्रबंधन जैसे विषय समझने के लिए बेहद जरूरी है." उन्होंने कहा, "पीजीपी पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने के बाद हमारी छात्राएं निजी कंपनियों, उद्यमिता और सरकारी तंत्र समेत अलग-अलग क्षेत्रों में काम करेंगी. इन भावी प्रबंधकों के योगदान के कारण विभिन्न क्षेत्रों की कार्य संस्कृति भी लैंगिक विविधता बढ़ने से समृद्ध होगी."
देश भर के आईआईएम में चलाए जाने वाले दो साल के पूर्णकालिक पीजीपी पाठ्यक्रम को मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) कार्यक्रम के समतुल्य माना जाता है.
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