CBSE Board Exams 2020: दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर मांग की है कि सीबीएसई (CBSE Board Exams 2020) के बचे हुए पेपर न कराए जाएं. मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते जो हालात पैदा हुए हैं, उनमें एग्जाम कराना बहुत ही मुश्किल है. लिहाजा, एग्जाम रद्द करके, प्री बोर्ड या इंटरनल मार्क्स के आधार पर रिजल्ट जारी कर दिया जाए.
इस पत्र में मनीष सिसोदिया ने लिखा है, ''मैंने 28 अप्रैल को आपके साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी यह मुद्दा उठाया था और सुझाव दिया था कि बचे हुए पेपर कराने के बजाय प्री-बोर्ड या इंटरनल एग्जाम के हिसाब से रिजल्ट घोषित कर दिए जाएं.''
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री को कई कारण बताए हैं कि क्यों दिल्ली में एग्जाम कराना बड़ी चुनौती है.
1- पिछले एक हफ्ते के दौरान, हर दिन कोरोनावायरस के केस बढ़ रहे हैं और जून 16 तक ये संख्या 44688 हो गई है. 31 जुलाई तक ये केस 5.5 लाख होने की आशंका है. ऐसी स्थिति में अगर कोई छात्र या उसके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे एग्जाम छोड़ना पड़ेगा.
2- फिलहाल, दिल्ली में 242 कंटेनमेंट जोन हैं, जो आगे और बढ़ सकते हैं. ऐसे में सीबीएसई (CBSE) के मौजूदा प्लान के मुताबिक, इन जोन के स्कूलों को एग्जाम सेंटर के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, लेकिन इस बात पर स्पष्टता नहीं है कि इन जोन से आने वाले बच्चे कैसे एग्जाम देने आ पाएंगे.
3- दिल्ली में फिलहाल 251 सरकारी स्कूलों की इमारत का इस्तेमाल सूखा राशन बांटने के सेंटर के तौर पर किया जा रहा है. 33 स्कूलों में भूखों को खाना खिलाया जा रहा है. जबकि 39 स्कूल शेल्टर होम, 10 ट्रांजिट माइग्रेंट कैंप और 10 स्कूल क्वारनटीन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
4- जुलाई के आखिर तक कोरोना मरीजों के लिए 80 हजार अतिरिक्त बेड की जरूरत पूरी करने के लिए दिल्ली सरकार 242 स्कूलों के ऑडिटोरियम का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है. ऐसे स्कूलों की बिल्डिंग में एग्जाम कराना गंभीर रिस्क हो सकता है.
ये चार कारण बताते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सोसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ''ऐसी स्थिति में 1 जुलाई से 15 जुलाई से बीच सभी बच्चों के लिए एग्जाम कर पाना बहुत ही मुश्किल है. इसलिए मैं आपसे एक बार फिर निवेदन करता हूं कि इस मसले पर अनिश्चितता खत्म करें और 29 विषयों के जो बचे पेपर जुलाई में कराने के लिए कहा गया है वो न कराए जाएं.'
मनीष सिसोदिया ने सुझाव दिया कि इन विषयों में रिजल्ट इंटरनल परफॉर्मेंस के हिसाब से तय किया जाए. मनीष सिसोदिया ने ये मांग ऐसे वक्त में की है जब कुछ बच्चों के पैरेंट्स पहले ही एग्जाम रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा चुके हैं. कोर्ट ने सीबीएसई से इस पर जवाब भी मांगा है और मामले की सुनवाई 23 जून को होनी है.
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