विज्ञापन
This Article is From Feb 22, 2017

CBSE Exam: डायबिटिक बच्चे एग्जाम हॉल में ले जा सकेंगे स्नैक्स, खाने के लिए मिलेगा ब्रेक

CBSE Exam: डायबिटिक बच्चे एग्जाम हॉल में ले जा सकेंगे स्नैक्स, खाने के लिए मिलेगा ब्रेक
नई दिल्‍ली: टाइप-1 मधुमेह से पीड़ित छात्र अब केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं और बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्नैक्स ले सकते हैं. सीबीएसई ने एक सर्कुलर में कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे टाइप-1 मधुमेह के मरीज हैं और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बनाये रखने के लिए उन्हें नियमित अंतराल पर इंसुलिन इंजेक्शन की जररत पड़ती है.

सीबीएसई ने कहा कि इन बच्चों को हाइपोग्लाइसीमिया से बचने के लिए लगातार कुछ खाने पीने की जररत होती है, वरना उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है. ऐसे छात्र शुगर टैबलेट, फल,  स्नैक्स और पानी परीक्षा केन्द्र में ला सकते हैं जिसे निरीक्षकों के पास रखा जाएगा. बहरहाल, सीबीएसई ने कहा कि इसके लिए छात्र की मेडिकल स्थिति का प्रमाण पत्र संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को भेजना होगा.
कानपुर की ग्रो इंडिया नाम की एक संस्था ने साल 2015 में भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी को दस बिंदु पर आधारित एक मांगपत्र सौंपा था. इसमें केवल सीबीएसई ही नहीं सभी बोर्ड और विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाओं के लिए सलाह दी थी कि टाइप-1 से प्रभावित बच्चों को परीक्षा और सामान्य अध्ययन के बीच कई तरह की छूट दी जानी चाहिए. दिल्ली डायबिटिक एसोसिएशन ने ऐसे बच्चों पर अध्ययन कर रिपोर्ट सीबीएसई को सौंपी थी.
स्नैक्स क्यों हैं जरूरी
डॉक्‍टर्स के अनुसार मधुमेह पीड़ित लोगों को लंबे समय तक भूखे रहने से शुगर का लेवल मे बेहद तेज उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए उन्‍हें थोड़े-थोड़े समय पर कुछ खाना जरूरी होता है. इसी तरह टाइप-1 के बच्चों के लिए इंसुलिन लेना जरूरी होता है. इनमें शुगर कम होने का खतरा बना रहता है. यदि इन्हें इंसुलिन लेने के डेढ़ घंटे के बाद स्नैक्स आदि न मिले तो कई तरह की परेशानी हो सकती है. सिर में दर्द हो सकता है. चक्कर आ सकते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com