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This Article is From Jun 29, 2020

CA Exam Case : सुप्रीम कोर्ट ने ICAI से कहा- स्टूडेंट्स के लिए दिखाएं कुछ चिंता, एग्जाम सेंटर बदलने का दिया जाए विकल्प

सुप्रीम कोर्ट ने ICAI को सुझाव दिया है कि जो छात्र परीक्षा में शामिल होने में असमर्थ रहा है, उसे "ऑप्ट आउट केस" माना जाएगा, भले ही वह ऑप्ट आउट विकल्प न चुने.

CA Exam Case : सुप्रीम कोर्ट ने ICAI से कहा- स्टूडेंट्स के लिए दिखाएं कुछ चिंता, एग्जाम सेंटर बदलने का दिया जाए विकल्प
सुप्रीम कोर्ट से सीए छात्रों को मिली राहत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सीए परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों को बड़ी राहत दी है. SC ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) से कहा कि COVID-19 के कारण छात्रों को परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति देने की तारीख बढ़ाएं. छात्र COVID कारणों से ICAI को ईमेल कर परीक्षा के बीच में बाहर हो सकते हैं. न्यायालय ने ICAI से परीक्षा के लिए गृह मंत्रालय का सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 2 जुलाई को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन मांगा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने ICAI को सुझाव दिया है कि जो छात्र परीक्षा में शामिल होने में असमर्थ रहा है, उसे "ऑप्ट आउट केस" माना जाएगा, भले ही वह ऑप्ट आउट विकल्प न चुने. कोर्ट ने कहा कि स्थिति लगातार बदल रही है. यहां तक कि अगर किसी उम्मीदवार ने आप्ट ऑउट का विकल्प नहीं चुना है और कंटेमेंट जाेन में आ जाता है  तो आप क्या करेंगे? 

सुप्रीम कोर्ट ने ICAI को कहा कि CA परीक्षा के लिए छात्रों को परीक्षा केंद्र बदलने का विकल्प दिया जाना चाहिए. आप अंतिम सप्ताह तक केंद्र के विकल्प को बदलने की अनुमति देंगे. स्थिति स्थिर नहीं है  यह गतिशील है. आपको क्षेत्र की स्थिति और क्षेत्र के छात्रों की चिंताओं के अनुसार बदलना होगा. आपको लचीला होना होगा. छात्रों के लिए कुछ चिंता दिखाएं. 

याचिकाकर्ता ने कहा कि  हर जिले में एक केंद्र होना चाहिए. इस पर SC ने कहा कि लेकिन इस सुझाव को ICAI द्वारा विवादित बताया जा रहा है. अगर आवश्यकता कम है तो केंद्र क्यों होना चाहिए. ICAI ने कहा कि 567 परीक्षा केंद्रों की पहचान की गई और ठीक से सेनेटाइज किया गया. अब केंद्र नहीं बदल सकते. SC ने कहा कि केंद्र में परिवर्तन का विकल्प होना चाहिए. अगर कोई क्षेत्र एक कंटेनमेंट जोन बन जाता है तो ये जरूरी है.

29 जुलाई से होने वाली CA की परीक्षाओं के लिए केंद्र सरकार की बहुस्तरीयता के साथ-साथ चल रही महामारी के बीच चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान( ICAI) संस्थान द्वारा दी गई ऑप्ट-आउट योजना पर रोक लगाने और परीक्षा केंद्रों की संख्या बढाने को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. 

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह उन लोगों को अवसर प्रदान करने के लिए बाध्य है जो परीक्षा में शामिल होने की इच्छा रखते हैं और जिन्होंने 29 जुलाई से 16 अगस्त के बीच परीक्षा देने की इच्छा जताई थी. संस्थान ने उन लोगों के लिए 'ऑप्ट-आउट' का विकल्प दिया जिन्हें कोविद -19 महामारी के कारण भय और चिंता है. ऐसे छात्रों के लिए ऑप्ट-आउट योजना के तहत नवंबर 2020 में परीक्षा में बैठने का विकल्प दिया गया था,  लेकिन परीक्षा के मई 2020 चक्र में उपस्थित होने के लिए आवेदन करने वाले 3.46 में से केवल 57,092 उम्मीदवारों ने ऑप्ट-आउट के विकल्प का लाभ उठाया है यानी 2.89 लाख उम्मीदवार जुलाई परीक्षाओं में ही उपस्थित होना चाहते हैं.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ICAI से सोमवार तक जवाब मांगा था. याचिका में कहा गया है कि 15 जून को ICAI द्वारा जारी अधिसूचना 4.67 छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है, जिन्हें परीक्षा देने और अनिश्चित स्थिति में रखने के लिए विवश किया गया है. लगभग 4.67 लाख छात्रों को  घातक COVID-19 महामारी के उछाल के बीच 29 जुलाई, 2020 से 16 अगस्त, 2020 के दौरान विभिन्न चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कहा गया है जबकि परीक्षा केंद्र बहुत कम बनाए गए हैं.

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