विज्ञापन
This Article is From Sep 11, 2019

चीन में 35 सालों में शिक्षकों की संख्या 80 फीसदी बढ़ी

चीन में शिक्षक दिवस की स्थापना के बाद से लेकर अब तक पिछले 35 सालों में शिक्षकों की संख्या में करीब 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

चीन में 35 सालों में शिक्षकों की संख्या 80 फीसदी बढ़ी
10 सितंबर को चीन में शिक्षक दिवस है.
नई दिल्ली:

10 सितंबर को चीन में शिक्षक दिवस है. इस वर्ष चीन में 35वां शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, देश में शिक्षक दिवस की स्थापना के बाद से लेकर अब तक पिछले 35 सालों में शिक्षकों की संख्या में करीब 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. खास तौर से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस (नवम्बर 2012 में) के आयोजन के बाद से लेकर अब तक, चीनी शिक्षकों का पैमाना बड़े हद तक विस्तार हो रहा है और उनके वेतन भी ज्यादा उन्नत हुआ. चीनी शिक्षकों का वेतन देश भर में 19 बड़े व्यवसायों के वेतन में 7वें स्थान पर रहा. उत्तरी चीन में भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के जालाईथ कांउटी में हनताहान स्कूल के अध्यापक फेई हाईमिन को पढ़ाते हुए 30 साल हो चुके हैं.

उन्होंने कहा कि "इधर के सालों में स्कूल में शिक्षकों के लिए निवास स्थान, पढ़ाई के लिए मिश्रित इमारत, छात्रों के लिए भोजनालय और छात्रावास आदि का निर्माण पूरा कर प्रयोग किया जा रहा है. इस तरह विद्यार्थियों की पढ़ाई स्थिति और शिक्षकों के व्यवहार में उल्लेखनीय सुधार आया. हमारे कार्य और जीवन स्थिति अच्छे से अच्छी होने लगी, वेतन और व्यवहार भी साल दर साल उन्नत हो रहा है. अब तक ग्रामीण गरीब क्षेत्र में शिक्षकों को सब्सिडी भी मिल गई."

चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में चीन में विभिन्न स्तरीय शिक्षकों की संख्या 1 करोड़ 67 लाख 38 हजार 3 सौ है, जिसमें शिक्षक दिवस की स्थापना के साल 1985 की तुलना में करीब 80 प्रतिशत वृद्धि हुई. उस साल में शिक्षकों की संख्या 93 लाख 19 हजार थी.

शिक्षकों की शैक्षिक पृष्ठभूमि से देखा जाए, तो प्राइमरी स्कूलों और मिडिल स्कूलों में अंडरग्रेजुएट कोर्स या उसके ऊपर वाले कोर्स प्राप्त करने वाले शिक्षकों का अनुपात क्रमश: 61.59 प्रतिशत और 80.59 प्रतिशत उन्नत हुआ. इसके साथ ही शिक्षकों के वेतन में भी बड़ा इजाफा हुआ. गत शताब्दी के 80 के दशक में शिक्षकों का वेतन विभिन्न व्यवसायों के वेतन में नीचे से तीसरे स्थान पर था, लेकिन वर्तमान में चीनी शिक्षकों का वेतन देश भर के 19 बड़े व्यवसायों में 7वें स्थान पर रहा.

चीनी वित्त मंत्रालय के विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति विभाग के उप प्रधान ल्य्वी च्येनफिंग के मुताबिक, इधर के सालों में शिक्षकों की गुणवत्ता के निर्माण को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार के शैक्षिक निवेश में शिक्षकों की प्रधानता दी जा रही है. शिक्षकों के वेतन और कल्याण से संबंधित खर्च वित्तीय शैक्षिक खर्च के अनुपात में लगातार कुछ सालों में 50 प्रतिशत से अधिक रहा.

ल्य्वी च्येनफिंग ने कहा, "शैक्षिक निवेश को मजबूत किया जा रहा है. शिक्षकों की गुणवत्ता के निर्माण को शैक्षिक निवेश का महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है और इसे प्राथमिकता दी जा रही है. विभिन्न स्तरीय वित्तीय निवेश में शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है. देश भर में शैक्षिक निवेश का लगातार विस्तार हो रहा है. साल 2013 से 2018 तक देश में आम सार्वजनिक बजट में कुल शैक्षिक खर्च 162 खरब युआन था, जिसकी औसतन सालाना वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत रही."

'खास पद योजना' चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा पश्चिमी चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में नौ सालों के अनिवार्य शिक्षा के लिए लागू की जा रही खास नीति है. जिसके तहत पश्चिमी ग्रामीण इलाके में शिक्षा देने के लिए खुलेआम कॉलेज स्नातकों को नौकरी मुहैया कराई जाती है. इस नीति को लागू किए जाने का उद्देश्य ग्रामीण इलाके के स्कूलों में शिक्षकों के अभाव और ढांचागत असंतुलन वाले सवाल का निपटारा करना है.

चीनी वित्त मंत्रालय के विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति विभाग के उप प्रधान ल्य्वी च्येनफिंग ने कहा कि "चीनी शिक्षा विभाग शिक्षक संसाधन के बंटवारे को महत्व देते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा श्रेष्ठ शिक्षकों को भेजा जाता है. केंद्रीय वित्त में खास पद वाले शिक्षकों के वेतन में सब्सिडी दी जाती है. पहली जुलाई 2018 से ही, पश्चिमी चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में खास पद वाले प्रति शिक्षक को हर वर्ष 38.2 हजार युआन की सब्सिडी मिलती है.

वहीं मध्य चीन में खास पद वाले प्रति शिक्षक को हर साल 35.2 हजार युआन की सब्सिडी मिलती है. साल 2019 में खास पद वाले शिक्षकों का पैमाना 1 लाख तक बढ़ गया. वर्ष 2013 से 2019 तक केंद्रीय वित्त ने संबंधित 43 अरब युआन का बंदोबस्त किया."

बताया जाता है कि चीनी केंद्रीय वित्त में अनिवार्य शिक्षा देने वाले ग्रामीण शिक्षकों के जीवन में भी सब्सिडी दी जाती है. साल 2013 से 2019 तक संबंधित पूंजी 19 अरब 82 करोड़ युआन रही. इस नीति के तहत हर वर्ष गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में सभी 12.7 लाख शिक्षकों को लाभ मिलता है.

अन्य खबरें
ओडिशा की अनुप्रिया बनीं पहली आदिवासी कमर्शियल महिला पायलट, पूरा हुआ उड़ने का सपना
सीटेट परीक्षा के लिए 18 सितंबर है रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख, ऐसे करें अप्लाई

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com