UP Assistant Teacher Recruitment: 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है.
नई दिल्ली:
69000 UP Assistant Teacher Recruitment: यूपी के 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले पर हज़ारों लोगों की नज़रें टिकी हुई थीं. सभी लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार था.लेकिन अब उम्मीदवारों का इंतजार खत्म हो गया है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के 69 हज़ार शिक्षक भर्ती (69000 Shikshak Bharti) मामले में 37,339 पदों की भर्ती को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया है और इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सभी याचिका खारिज कर दी हैं. आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट के 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले पर सुनाए गए फैसले के बारे में अहम बातें.
10 बड़ी बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा है कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में कट ऑफ 60 से 65 फीसदी ही रहेगा. इससे 40/45 कट ऑफ की मांग कर रहे शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से झटका लगा है.
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के रूप में योग्यता प्राप्त करने के लिए लगभग 38 हजार शिक्षामित्रों को कट-ऑफ अंकों में छूट नहीं मिलेगी. हालांकि, सभी शिक्षामित्रों को एक मौका और अगली भर्ती में दिया जाएगा.
- 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर को 31661 पदों को एक हफ्ते में भरने का निर्देश दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाकी बचे हुए 37,339 पदों पर भर्ती का रास्ते भी साफ हुआ. इन पदों पर यूपी सरकार के मौजूदा कट ऑफ 60/65 के आधार पर भर्ती होगी.
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया जिसमें कहा गया था कि नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षा मित्रों को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा.
- छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित करना गलत है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 6 मार्च को यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था, लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया और इलाहाबाद HC के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
- शिक्षा मित्रों का कहना था कि असिस्टेंट टीचर की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी रखा गया था. लेकिन पेपर के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसदी कर दिया गया. यह गैर कानूनी कदम है, क्योंकि पेपर के बीच में कटऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है.
- सुनवाई के दौरान ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि हमारे पास 50 हजार पद हैं और प्रति वर्ष 10,000 लोग रिटायर हो रहे हैं. हम अलग से भर्ती में मौका देने को तैयार हैं लेकिन योग्यता के साथ. ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि राज्य में 3 लाख 94,000 कुल अभ्यर्थियों की संख्या 40-45% पर है, जो कुल आंकड़ों का 96.2% है. अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद कटऑफ बढ़ना स्वभाविक है.
- उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला बीते 2 सालों से विवादों में घिरा हुआ है, लेकिन अभी तक इन भर्तियों को पूरा नहीं किया जा सका है.
- पहले यह मामला परीक्षा के कट ऑफ को लेकर कोर्ट में अटका हुआ था, जिसमें छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित करना गलत है. इसके बाद सरकार ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा कट ऑफ निर्धारित कर दी थी. इसी बात को लेकर पूरा विवाद शुरू हुआ और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया.
- लंबे समय तक कोर्ट में यह मामला रहा था और अंत में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश भी दे दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को 1 हफ्ते के अंदर निपटाने के आदेश दिए थे. लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी. इसके अलावा UP सरकार के 31, 661 पदों को भरने के आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.