रांची:
झारखंड सरकार के साथ बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, मेसरा ने सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये जिसके तहत संस्थान की बीटेक की 50 प्रतिशत सीटें राज्य के छात्र-छात्राओं के लिए सुरक्षित रहेंगी.
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एमओयू के बाद कहा कि बीआईटी मेसरा को ‘सेंटर ऑफ एक्सलेंस’ के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि इस संस्थान में बीटेक कोर्स की कुल 50 प्रतिशत सीटें अब झारखंड के विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित होंगी.
उन्होंने कहा कि संस्थान का दायित्व है कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें ताकि यह बच्चे स्वावलंबी बन सकें और राज्य के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकें. देश के उन्नत तकनीकी संस्थानों की कार्य प्रणाली के अध्ययन हेतु एक टीम भी गठित की जा सकती है.
राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर यह एम.ओ.यू उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह एवं बीआईटी मेसरा के कुलपति एमके मिश्र के बीच यह एम.ओ.यू किया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एमओयू के बाद कहा कि बीआईटी मेसरा को ‘सेंटर ऑफ एक्सलेंस’ के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि इस संस्थान में बीटेक कोर्स की कुल 50 प्रतिशत सीटें अब झारखंड के विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित होंगी.
उन्होंने कहा कि संस्थान का दायित्व है कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें ताकि यह बच्चे स्वावलंबी बन सकें और राज्य के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकें. देश के उन्नत तकनीकी संस्थानों की कार्य प्रणाली के अध्ययन हेतु एक टीम भी गठित की जा सकती है.
राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर यह एम.ओ.यू उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह एवं बीआईटी मेसरा के कुलपति एमके मिश्र के बीच यह एम.ओ.यू किया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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